नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के नाम से 500 करोड़ रुपए का फर्जी ठेका देने का मामला आया सामने

नोएडा (उप्र), नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के नाम से 500 करोड़ रुपए की मिट्टी की खुदाई व भराई के लिए फर्जी ठेका किसी कंपनी को देने का मामला प्रकाश में आया है। यह कथित ठेका यमुना विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर के जरिये जारी किया गया है। इस मामले में यमुना विकास प्राधिकरण के एसीईओ रविंद्र सिंह ने नोएडा पुलिस को पत्र लिखकर मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा है।

पत्र में उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। लोगों को फंसाने के लिए पत्र में तमाम तरह की जानकारी साझा की गई हैं। पत्र के मुताबिक, फर्जी ठेका दस्तावेज में बताया गया है कि काम लेने वाली कंपनी को डीजल का पेमेंट एडवांस में दिया जाएगा और यह पैसा बिल में काटा जाएगा। पत्र के मुताबिक, इसके अलावा काम करने वाली कंपनी के बिल का भुगतान 21 दिन में करने की बात भी कही गई है। इतना ही नहीं बताया गया है कि ठेके के तहत मिट्टी की खुदाई और और उसको दूसरी जगह पहुंचाने का काम करना है।

सिंह ने अपने पत्र में शिकायत की है कि ठेके को दूसरी कंपनियों में वितरित करने (सबलेट) का उल्लेख भी किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके जरिए वे इस काम के लिए छोटी-छोटी कंपनियों को अपने झांसे में लेंगे और उनसे पैसे ठग लेंगे।

इस मामले में प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह का कहना है कि लोग इस तरह के फर्जी पेपर के झांसे में न आएं। उन्होंने बताया कि जेवर एयरपोर्ट को बनाने की जिम्मेदारी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी और उसकी एसपीवी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड की है। उसमें उत्तर प्रदेश सरकार या किसी अन्य प्राधिकरण की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि टेंडर यही दोनों कंपनियां करेंगी, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की भी इसमें कोई भूमिका नहीं है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Twitter

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