न्यायालय ने सुनवाई के स्थानांतरण संबंधी सीबीआई की याचिका में छत्तीसगढ़ सरकार को बनाया पक्षकार

नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से संबंधित कथित सेक्स सीडी मामले की सुनवाई राज्य से बाहर स्थानांतरित किए जाने की सीबीआई की याचिका में छत्तीसगढ़ सरकार को बृहस्पतिवार को पक्षकार बनाया।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी ने सह आरोपी कैलाश मुरारका की याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि चूंकि छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ अनेक आरोप लगाए गए हैं, ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को भी इस मामले में पक्षकार बनाना उचित होगा।

सीबीआई की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य सरकार को इस मामले में पक्षकार बनाए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी और वकील सुमीर सोढी ने इस मामले में पक्षकार बनाए जाने का नोटिस स्वीकार कर लिया।

मुरारका की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील एएनएस नाडकर्णी ने कहा कि चूंकि राज्य सरकार के खिलाफ अनेक आरोप लगाये गये हैं, इसलिए उसे भी इसमें पक्षकार बनाया जाए और यदि राज्य सरकार इन आरोपों का जवाब दे, तो बेहतर होगा।

पीठ ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया और मामले में आगे की सुनवाई के लिए पांच मार्च की तारीख तय की।

सीबीआई ने 18 जनवरी को शीर्ष अदालत में आरोप लगाया था कि इस मामले में गवाहों को धमकाया जा रहा है और इसमें एक आरोपी राज्य के मुख्यमंत्री हैं, जो प्रभावशाली व्यक्ति हैं।

सीबीआई ने कहा था कि इस मामले में कुछ गवाह दिल्ली से, तो कुछ मुंबई से हैं जबकि कुछ अन्य गवाह दूसरे स्थानों से हैं। उसने अनुरोध किया कि यह जांच छत्तीसगढ़ से बाहर किसी स्थान पर स्थानांतरित कर दी जाये।

शीर्ष अदालत ने सीबीआई मामले में गवाह होने का दावा करने वाले रसजीत सिंह खनूजा की याचिका पर भी विचार किया और कहा कि राज्य सरकार ने आत्महत्या के लिये उकसाने के किसी अन्य प्रकरण में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। खनूजा ने भी आत्महत्या के लिये उकसाने का मामला सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया।

राज्य सरकार ने खनूजा की याचिका का विरोध किया था और कहा था कि यह अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गयी है जिसे खारिज किया जाना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने 21 अक्टूबर, 2019 को कथित सेक्स सीडी कांड की सुनवाई पर रोक लगा दी थी और यह मामला राज्य से बाहर स्थानांतरित करने के सीबीआई के आवेदन पर बघेल से जवाब मांगा था। बघेल इस मामले में आरोपी हैं।

सीबीआई की दलील है कि वह इस मामले को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने का अनुरोध कर रही है क्योंकि अभियोजन के दो गवाहों ने शिकायत की है कि उन्हें धमकी दी गयी है।

सीबीआई ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष सुनवाई के लिये ही उसने यह याचिका दायर की है, क्योंकि आरोपी अब राज्य का मुख्यमंत्री है और इस वजह से गवाहों को डराए-धमकाए जाने की पूरी संभावना है।

सीबीआई ने 2017 में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष बघेल के खिलाफ एक शिकायत पर यह मामला दर्ज किया था। इस शिकायत में कहा गया था कि उन्होंने फर्जी सेक्स सीडी मामले में राज्य के तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री और भाजपा नेता राजेश मूणत को फंसाने का प्रयास किया है।

मूणत ने बघेल और वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा के खिलाफ इस फर्जी सेक्स सीडी के जरिये उनकी छवि खराब करने की शिकायत दायर की थी।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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