वेलिंगटन, न्यूजीलैंड ने दुनिया के तीस से अधिक देशों का समर्थन करते हुए बुधवार को जलवायु आपातकाल की घोषणा का ‘प्रतीकात्मक’ कदम उठाया।
जलवायु आपातकाल की घोषणा के इस प्रस्ताव के पक्ष में 76 जबकि विरोध में 43 सांसदों ने मतदान किया।
इसके साथ ही सरकार ने एक नयी पहल की शुरुआत की जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कई एजेंसियों को 2025 तक कार्बन के उत्सर्जन में कटौती करनी होगी।
इसके लिए वह कोयला आधारित बॉयलर का परित्याग कर सकती हैं और इलेक्ट्रिक कार का इस्तेमाल शुरू कर सकती हैं।
प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने कहा कि सरकार आम तौर पर प्राकृतिक आपदाओं जैसी चीजों के लिए आपातकाल की घोषणा करती है लेकिन यदि हम जलवायु परिवर्तन पर ध्यान नहीं देंगे तो इस प्रकार की आपदाएं आती रहेंगी।
उन्होंने कहा कि यह घोषणा कर हम उस बोझ का संज्ञान ले रहे हैं जो आने वाली पीढ़ियों पर पड़ने वाला है।
आर्डर्न ने कहा, “उनके लिए यह वास्तविक होगा। यह उस देश के लिए है जिसमें आगामी पीढ़ियां जन्म लेने वाली हैं। और यह उस कर्ज के बारे में है जो उन पर पड़ेगा यदि हम इस मुद्दे पर अभी निर्णय नहीं लेंगे।”
यह घोषणा किसी नए कानून के तहत नहीं की गई है और न ही इसके लिए कोई निधि जारी की गई है।
यह केवल प्रतीकात्मक आपातकाल है, लेकिन प्रधानमंत्री और विधायिका के अन्य सदस्यों ने इस घोषणा का समर्थन किया है।
घोषणा में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन मानवता के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है और इसमें वैश्विक तापमान में इजाफे में कमी लाने की प्रतिबद्धता जाहिर की गई है।
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया