पंजाब ने अनाज खरीद पर एमएसपी के तीन प्रतिशत के हिसाब से ग्रामीण विकास निधि बहल करने की मांग की

चंडीगढ़, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय खाद्य मंत्री को पत्र लिखकर खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के एक प्रतिशत की जगह तीन प्रतिशत के बराबर ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) की मांग की है।

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि एमएसपी के एक प्रतिशत आरडीएफ पंजाब ग्रामीण विकास अधिनियम, 1987 की धारा पांच के अनुसार विरोधाभासी है।

सिंह ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से कहा कि 24 फरवरी 2020 तारीख वाले विभाग के पत्र के मुकाबले भी अधिसूचित आरडीएफ विरोधाभासी है, जिसमें राज्यों की सलाह के अनुसार खरीद के संशोधित सिद्धांतों को तैयार किया गया था।

उन्होंने कहा कि आरडीएफ की दर में कोई भी एकतरफा कमी खरीद के सिद्धांतों के अनुसार नहीं है और न ही यह राज्य विधानसभा द्वारा पारित कानून के अनुसार है। उन्होंने कहा कि इस तरह देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचा है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि खरीद से जुड़े आरडीएफ की दर में कमी तय सिद्धंतों और राज्य विधान सभा में पारित अधिनियम के अनुरूप नहीं है। उन्होंने लिखा है कि मंडी शुल्क और आरडीएफ की दरों को पंजाब सरकार के विधिवत अधिसूचित कर रखा है । उसे केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग स्वीकार करता आ रहा था। यह पहली बार है कि विभाग ने आरडीएफ की राज्य सरकार की अधिसूचित दर को नहीं माना है।

मुख्यमंत्री ने याद दिलाया है कि उनकी सरकार इससे पहले 2018-19 से 2020-21 विभाग की अवधि की एमएसपी कार्यक्रम से जुड़े आरडीएफ की निर्धारित प्रपत्र के अनुसार मांग कर चुकी है। मुख्यमंत्री सिंह ने कहा है कि वह इसका पैसा जारी करने के विषय में स्वयं गोयल से मिल कर बात कर चुके हैं।

राज्य सरकार ने इससे पहले धान की खरीद पर मिलने वाले आरडीएफ की दर घाटाए जाने का विरोा कर चुकी है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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