परिवार नियोजन की नीति वाले बयान का कोई सांप्रदायिक उद्देश्य नहीं : सरमा

नागपुर , असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को परिवार नियोजन की नीति अपनाने की सलाह देने वाले अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि यह गरीबी उन्मूलन के लिए जरूरी है और इसके पीछे कोई सांप्रदायिक उद्देश्य नहीं है। सरमा ने शुक्रवार को यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘ असम में प्रवासी मुसलमान बहुत गरीब हैं और आम तौर पर उनके पास जमीन भी कम होती है। लेकिन समस्या यह है कि एक या दो पीढ़ियों में एक परिवार में बच्चों का औसत अनुपात छह से 12 तक है। कई परिवारों में यह 20 तक भी है।’’ सरमा ने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी बच्चों की संख्या अधिक होने से भविष्य की पीढ़ियों के हिस्से में बहुत ही कम जमीन आती है, जिस कारण गरीबी बढ़ती है और उसका प्रभाव स्कूलों और अस्पतालों पर पड़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण गरीबी उन्मूलन का कार्यक्रम सफल नहीं हो पाता है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

%d bloggers like this: