पलायन, अराजकता, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का दंश झेल रहा है झारखंड: सीतारमण

रांची  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि झारखंड बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार  पलायन और अराजकता का खामियाजा भुगत रहा है और राज्य के शासन में बदलाव समय की जरूरत है। सीतारमण ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि झारखंड के प्रति सौतेला व्यवहार किए जाने के आरोप निराधार हैं।

उन्होंने कहा  “ (आदिवासी प्रतीक) बिरसा मुंडा की प्रकृति से भरपूर यह भूमि अब बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का शिकार हो गई है… यह पलायन और अराजकता का दंश भी झेल रही है। और यहां उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल नहीं है।” सीतारमण ने कहा कि उद्योगों की बहाली के जरिए पूर्वी भारत देश के विकास का इंजन बन सकता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खनिजों के मूल्य संवर्धन पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए  क्योंकि झारखंड में देश की 40 प्रतिशत खनिज संपदा है।मंत्री ने कहा  ‘‘कारोबार में सुगमता के मामले में झारखंड शीर्ष पांच राज्यों में शुमार हुआ करता था लेकिन अब यहां ‘जंगल राज’ है। यदि कानून व्यवस्था में सुधार होता है तो राज्य में निवेश बढ़ेगा…झारखंड के शासन में बदलाव समय की मांग है।’’

उन्होंने कहा  ‘‘प्रधानमंत्री द्वारा राज्य के साथ सौतेला व्यवहार किए जाने के (विपक्ष के) आरोप निराधार हैं… झारखंड को 2024-25 के बजट में रेल परियोजनाओं के लिए रिकॉर्ड 7 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।’’

पूर्वी भारत – विकसित भारत के लिए विकास का इंजन  विषय पर परिसंवाद सत्र में सीतारमण ने कहा कि साहिबगंज  संथाल परगना और गोड्डा सहित राज्य के कुछ स्थानों पर  घुसपैठ के कारण  जनसांख्यिकीय परिवर्तन देखा जा रहा है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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