पाकिस्तान को तीन एफएटीएफ मापदंडों को पूरा करने के लिए होगी अतिरिक्त विधेयक की आवश्यकता: रिपोर्ट

इस्लामाबाद, पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर धन शोधन एवं आतंकवादियों के वित्त पोषण पर नजर रखने वाले वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की 27 बिंदुओं वाली कार्य योजना के तीन बचे हुए मापदंडों को जून की नई समयसीमा समाप्त होने से पहले पूरा करने के लिए एक और विधेयक की आवश्यकता होगी। एक मीडिया रिपोर्ट में मंगलवार को यह बात कही गई।

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में डाल दिया था और उससे 2019 के अंत तक धनधोशन एवं आतंकवादियों को वित्त पोषण रोकने के लिए कार्य योजना लागू करने को कहा था, लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण इस समय सीमा को बढ़ा दिया गया था। एफएटीएफ ने पिछले महीने नई समय सीमा तय की थी।

पाकिस्तान धनशोधन एवं आतंकवाद को वित्त पोषण रोधी एफएटीएफ के नियमों का पालन नहीं करने वाले देशों की सूची में डाले जाने से बचने के लिए हालिया कुछ महीनों से काफी कोशिश कर रहा है। यदि पाकिस्तान को इस सूची में डाल दिया जाता है, तो पहले ही कमजोर उसकी अर्थव्यवस्था को और नुकसान होने की आशंका है।

‘डॉन’ समाचार पत्र ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान सरकार को बची हुई चिंताओं से निपटने के लिए विधेयक बनाने और अन्य कदमों में प्रगति को लेकर एफएटीएफ को एक महीने के भीतर अद्यतन रिपोर्ट भेजनी होगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने एफएटीएफ की अनिवार्यताओं को पूरा करने के लिए पिछले एक साल से अधिक समय में करीब तीन दर्जन कानूनों में बदलाव किया है, ऐसे में अतिरिक्त विधेयक लाने में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख ने धनशोधन रोधी राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (एनईसी) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए एफएटीएफ समन्वय समिति के अध्यक्ष और उद्योग एवं उत्पादन मंत्री हम्माद अजहर और वित्तीय निगरानी इकाई (एमएमयू) से संघीय सरकार की एजेंसियों एवं सशस्त्र बलों के साथ विचार-विमर्श करके अतिरिक्त विधेयक के लिए तत्काल समय सीमा तय करने को कहा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा देखा गया है कि पाकिस्तान ने पिछले दो साल में काफी प्रगति की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी तारीफ की है, लेकिन बार-बार अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं हो पाने और समय सीमा के भीतर काम नहीं हो पाने के कारण गलत संदेश जाता है।

एनईसी को सूचित किया गया कि पाकिस्तान को एफएटीएफ को 30 दिन के भीतर बताना होगा कि वह एफएटीएफ द्वारा रेखांकित की गई अपनी कमियों को किस समय सीमा में पूरा करेगा और उसकी आगे की क्या योजना है।

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को एक अतिरिक्त विधेयक बनाना होगा, जिनमें मौजूदा ढांचे की उन कुछ कमजोरियों को दूर किया जाए, जो आतंकवादी संगठनों के लिए काम कर रहे लोगों को पकड़ने या उन पर प्रतिबंध लगाने समेत उनके खिलाफ कदम उठाने और उन पर मुकदमा चलाने की प्राधिकारियों की शक्तियों को सीमित करती हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान को तीन शेष बिंदुओं पर काम करना हैं। उसे यह दिखाना होगा कि प्रतिबंधित व्यक्तियों एवं संगठनों के लिए काम करने वाले लोगों एवं संगठनों को निशाना बनाकर आतंकवाद के वित्तपोषण संबंधी जांच की गईं और अभियोग चलाए गए। इसके अलावा पाकिस्तान को यह दिखाना होगा कि इन अभियोगों के कारण प्रभावशाली और पर्याप्त प्रतिबंध लगाए गए। पाकिस्तान को यह भी दिखाना होगा कि उसने सभी प्रतिबंधित आतंवादियों के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों का प्रभावशाली क्रियान्वयन किया।

सूत्रों ने बताया कि बैठक में बताया गया कि तीन में से एक बिंदू पर काफी काम कर लिया गया है, लेकिन जिन दो बिंदुओं को दिखाने के लिए अतिरिक्त विधेयक की आवश्यकता है, उन क्षेत्रों में लक्ष्य हासिल करने में समय लगेगा।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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