नयी दिल्ली विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के परोक्ष संदर्भ में कहा कि सैम पित्रोदा की विवादास्पद टिप्पणियां अनजाने में हुई कोई गलती नहीं है बल्कि ये कांग्रेस पार्टी और उन लोगों की मानसिकता को दर्शाती हैं जिनके वह मार्गदर्शक रहे हैं। पित्रोदा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सलाहकार थे। वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ भी निकटता से जुड़े रहे हैं और उनकी विदेश यात्राओं के दौरान उनके साथ रहते हैं।
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने अपनी टिप्पणियों को लेकर विवाद छिड़ने के बाद बुधवार को ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। पित्रोदा ने एक पॉडकास्ट में देश के विभिन्न भागों के भारतीयों के चेहरे मोहरे को परिभाषित करने के लिए चीनी अफ्रीकी अरब और गोरों जैसी जातीय एवं नस्लीय पहचानों का उल्लेख किया था। जयशंकर ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई’ के मुख्यालय में एक विशेष साक्षात्कार के दौरान समाचार एजेंसी से कहा ‘‘मुझे लगता है कि वह जो बातें कर रहे थे वे संभवत: उन समूहों में होती हैं जिनका वह हिस्सा हैं ये बातें संभवतः उन लोगों द्वारा की जाती हैं जिनका उन्होंने मार्गदर्शन किया है और मेरे विचार से इसके दो ऐसे हिस्से थे जिन्होंने मुझे व्यथित किया।’’
उन्होंने कहा ‘‘पहला वह जिसे आप ‘टाइपकॉस्ट’ करना (किसी एक विशेष पहचान में बांधना) और नस्ली रूढ़िवादिता कहते हैं। मुझे लगता है कि इसने मुझे व्यथित किया। दूसरी व्यथित करने वाली बात दरअसल वह अर्थ है जो इस टिप्पणी का तात्पर्य है – कि बहुत अलग-अलग तरह के लोग हैं और किसी तरह किसी ने इन्हें एक साथ रखा है उन्हें एक साथ लाने भारत को बनाने के लिए प्रयास करना पड़ा है। मुझे यह बात और भी अधिक परेशान करने वाली लगती है।’’ जयशंकर ने कहा ‘‘क्योंकि यह भारत को परिभाषित करने का असल में एक औपनिवेशिक तरीका है। जैसे कि एक देश को एकजुट करने के लिए किसी बाहरी ताकत किसी विशेष प्रयास की आवश्यकता पड़ी। मुझे लगता है कि हमारे बीच एक सहज एकजुटता है।’’
विदेश मंत्री ने कहा कि पित्रोदा की टिप्पणियां एक खास किस्म की सोच को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा ‘‘मेरे लिए भारत एक सभ्यता है यह एक तरह की आस्था है। यह एक ऐसी चीज है तो हमारी आत्मा में बसती है यह एक तरह से हमारी भावना में है और जाहिर सी बात है कि उनके (पित्रोदा) साथ ऐसा नहीं है।’’
जयशंकर ने कहा ‘‘यह एक खास किस्म की मानसिकता है एक ऐसी सोच जो ….जिसने वास्तव में मान लिया है कि हम अलग-अलग और टुकड़ों में हैं और कहीं न कहीं उनके विचार में किसी शासक या शायद किसी परिवार ने किसी ने कुछ एक साथ रख दिया है।’’ विदेश मंत्री ने कहा कि पित्रोदा की टिप्पणियों ने कांग्रेस की ‘‘मानसिकता को उजागर’’ किया।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह इन टिप्पणियों को बचकाना बयान कहेंगे जयशंकर ने कहा ‘‘आप जानते हैं वह कोई कम उम्र के व्यक्ति नहीं हैं इसलिए आप इन्हें बचकाना नहीं कह सकते। वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें काफी अनुभव है।’’
उन्होंने कहा ‘‘ऐसा कहा जाता है कि ‘जो दिमाग में होता है वही अनजाने में जुबान से निकल जाता है’ यानी वास्तव में यह दिमाग में चल रही बात होती है। यह एक मानसिकता है…। मैं केवल यही कहूंगा कि एक व्यक्ति जिसे इतना ज्यादा अनुभव है… यह स्पष्ट रूप से पार्टी की मानसिकता है और लोगों के एक समूह की सोच है।’’
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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