बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंसा, भ्रष्टाचार, बनर्जी से सुधार की उम्मीद थी लेकिन नहीं किया: शाह

सिलीगुड़ी/कोलकाता, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में ‘‘कट-मनी संस्कृति, राजनीतिक हिंसा और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार’’ को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि वह लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद खुद में ‘‘सुधार’’ करेंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

शाह ने उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए संकल्प लिया कि भाजपा तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक कि बंगाल से ‘‘अत्याचारी टीएमसी शासन’’ को उखाड़ नहीं दिया जाता।

केंद्रीय मंत्री ने राज्य की शरणार्थी आबादी तक पहुंच बनाने के प्रयास के तहत आश्वासन दिया कि कोविड-19 महामारी समाप्त होने के बाद संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) लागू किया जाएगा।

संसद में 2019 में सीएए को पारित कराने में अहम भूमिका निभाने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता शाह ने दावा किया कि बनर्जी नहीं चाहतीं कि शरणार्थियों को नागरिकता मिले। उन्होंने कहा, ‘‘सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) संशोधित नागरिकता अधिनियम के बारे में अफवाह फैला रही है। ममता दीदी घुसपैठ जारी रखना चाहती हैं और फिर भी शरणार्थियों के लिए नागरिकता का विरोध करती हैं। सीएए एक वास्तविकता थी, है और एक वास्तविकता रहेगी।’’

वहीं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘मतदान का अधिकार रखने वाला हर व्यक्ति देश का नागरिक है। भाजपा को जनता को बेवकूफ बनाने के लिए इसका (सीएए) इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए। नहीं तो वे (शरणार्थी जो भारतीय नागरिक हैं) अपना मताधिकार कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं, और वह गृह मंत्री कैसे बने? उन्हें झूठ बोलने की आदत है।’’

शाह के दावे पर प्रतिक्रिया जताते हुए बनर्जी ने सीएए और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के विरोध को दोहराया और कहा कि नागरिकता का मुद्दा जनता को बेवकूफ बनाने की चाल है।

मतुआ समुदाय से आने वाले टीएमसी के नेताओं सहित उनकी पार्टी के अन्य नेताओं का कहना रहा है कि पश्चिम बंगाल में कोई अवैध प्रवासी नहीं हैं और मतुआ और अन्य जो शरणार्थी के रूप में यहां आए हैं, वे कानूनी नागरिक हैं। भारतीय कानून के तहत 24 मार्च 1971 तक तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से शरणार्थी के रूप में आने वाले किसी भी व्यक्ति को भारत का नागरिक माना जाता है।

बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं नहीं चाहती कि किसी भी नागरिक के अधिकारों पर अंकुश लगे। एकता हमारी ताकत है। बंगाल के लोगों द्वारा खारिज किए जाने के बाद, वे (शाह) एक साल बाद आए। उन्हें छिपने के लिए जगह तलाशनी चाहिए।’’

शाह ने बंगाल विधानसभा में पार्टी की संख्या तीन से बढ़ाकर 77 करने के लिए बंगाल के लोगों का आभार व्यक्त किया। शाह ने कहा, ‘‘विधानसभा चुनाव में भाजपा को 2.28 करोड़ वोट देने के लिए मैं लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं। आपने हर गांव में पार्टी को मजबूत किया है। हम जनादेश को स्वीकार करते हैं।’’

शाह ने कहा कि हालांकि, राजनीतिक हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में राजनीतिक हिंसा, भाजपा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार, भ्रष्टाचार और ‘कट-मनी’ संस्कृति (जबरन वसूली) में कोई कमी नहीं आई है। हमें उम्मीद थी कि ममता बनर्जी तीसरी बार सत्ता में आने के बाद खुद को सुधार लाएंगी। हमने पूरे एक साल इंतजार किया, लेकिन वह नहीं बदलीं। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक हम टीएमसी के अत्याचारी शासन को उखाड़ नहीं देते। भाजपा की लड़ाई जारी रहेगी।’’

शाह ने रेखांकित किया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा था कि “बंगाल में कानून का कोई शासन नहीं है, यह सत्ताधारी दल का शासन है।’’

भाजपा ने जबर्दस्त चुनाव अभियान के बावजूद, 294 सदस्यीय विधानसभा में 77 सीटें हासिल कर सकी जबकि टीएमसी 213 से अधिक सीटें हासिल करके लगातार तीसरी बार सत्ता में आयी।

शाह ने क्षेत्र में अलग राज्य की मांग का कोई जिक्र किए बिना कहा कि बनर्जी ने निहित राजनीतिक हितों के लिए गोरखाओं को गुमराह किया। उन्होंने कहा, ‘‘दीदी ने हमेशा गोरखा भाइयों और बहनों को गुमराह किया है। मैं आज उनसे यह कहने आया हूं कि अगर कोई एक पार्टी है जो गोरखाओं के हित में सोचती है तो वह सिर्फ भाजपा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने आश्वासन दिया है कि सभी समस्याओं का स्थायी राजनीतिक समाधान संविधान की सीमा के भीतर ही निकाला जाएगा।’’

महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं पर भाजपा शासित राज्यों में तथ्यान्वेषी दल भेजने के लिए बनर्जी पर निशाना साधते हुए शाह ने सवाल किया कि टीएमसी प्रमुख द्वारा बोगतुई में कोई प्रतिनिधिमंडल क्यों नहीं भेजा गया, जहां 10 लोग हिंसा में मारे गए और हंसखाली, जहां एक नाबालिग की कथित तौर पर बलात्कार के बाद मौत हो गई।

इससे पहले दिन में, शाह ने उत्तर 24 परगना में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक कार्यक्रम के दौरान सुंदरबन क्षेत्र के हिंगलगंज में फ्लोटिंग बॉर्डर आउटपोस्ट (बीओपी) का उद्घाटन किया और एक नाव एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन के सहयोग के बिना घुसपैठ और तस्करी को रोकना मुश्किल है।

देश की सीमाओं की सुरक्षा में सीमा सुरक्षा बल की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार का एक मुख्य जोर यह सुनिश्चित करना है कि देश बाहर और अंदर दोनों जगह सुरक्षित रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है क्योंकि हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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