बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस की कार्रवाई ममता सरकार का ‘तानाशाही’ रूप

नयी दिल्ली, भाजपा ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता और हावड़ा में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों पर पुलिस की कार्रवाई की बृहस्पतिवार को कड़ी भर्त्सना करते हुए इसे लोकतांत्रिक विरोध दर्ज करने के अधिकार के खिलाफ राज्य की तृणमूल कांग्रेस की सरकार का ‘‘तानाशाही’’ रूप करार दिया।

पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सममेलन में केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में अब लोकतंत्र नहीं है और दावा किया कि इस प्रकार लाठी-डंडे और पुलिसिया दमन से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में भाजपा के विस्तार को नहीं रोक सकेंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल में लोकतंत्र नहीं है। वहां जो भी विरोध करता है उसको या तो केस में फंसा दिया जाता है या फिर शासन द्वारा परेशान किया जाता है या फिर हत्या की स्थिति भी आ जाती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल में आज लोकतांत्रिक विरोध दर्ज करने के खिलाफ जिस तरह से वहां की सरकार का तानाशाही रूप सामने आया है, भाजपा उसकी भर्त्सना करती है।’’

प्रसाद ने दावा किया कि पुलिस की कार्रवाई में भाजपा के 1500 से ज्यादा कार्यकर्ता घायल हुए हैं। इन कार्यकर्ताओं में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन और प्रदेश के उपाध्यक्ष राजू बनर्जी सहित कई अन्य नेता शामिल हैं।

उन्होंने आशंका जताई की कि पुलिस की ओर से की गई पानियों की बौछार के दौरान इस्तेमाल किए गए पानी में रसायन मिला हुआ था।

भाजपा नेता ने ममता बनर्जी से पूछा, ‘‘क्या लगता है आप लाठी-डंडे और पुलिसिया दमन से भाजपा के विस्तार को रोक लेंगी? आप इसमें सफल नहीं होंगी। पहले भी आपने रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन प्रदेश की जनता ने हमें पिछले लोकसभा चुनाव में 18 सीटें दी।’’

उन्होंने दावा किया कि बंगाल की जनता बदलाव चाहती है, इसलिए ‘‘डर, खौफ और दमन’’ की कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल के लोगों को हम आश्वस्त करना चाहते हैं कि बंगाल में बदलाव के लिए भाजपा सतत तैयार रहेगी। जनता की परेशानियों पर शांतिपूर्ण तरीके से लोकतांत्रिक आवाज उठाती रहेगी। बंगाल में बदलाव भाजपा करेगी। बंगाल की जमीनी हकीकत ये बताती है कि अगला विधानसभा का चुनाव जब भी होगा, वहां भाजपा की सरकार बनना तय है।’’

प्रसाद ने दावा किया कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी की राजनीतिक जमीन खिसक रही है और इसका प्रमाण पिछला लोकसभा का चुनाव परिणाम है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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