बांग्लादेश ने 1975 के तख्तापलट के चार भगोड़े अधिकारियों का वीरता पुरस्कार खत्म किया

ढाका, बांग्लादेश ने 15 अगस्त 1975 को देश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए चार पूर्व सैन्य अधिकारियों को दिए गए वीरता पुरस्कार को समाप्त कर दिया। बर्खास्त किए गए ये चारों पूर्व अधिकारी मृत्युदंड से बचने के लिए देश से फरार हो गए थे।

एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया, ‘‘देश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और अन्य की हत्या के लिए इन चार हत्यारों के (वीरता) पुरस्कार को समाप्त कर दिया गया है।’’ बर्खास्त किए चार अधिकारियों लेफ्टिनेंट कर्नल शरीफुल हक दालिम, लेफ्टिनेंट कर्नल , एसएचएमबी नूर चौधरी, लेफ्टिनेंट एएम राशिद चौधरी और नायक सूबेदार (जेसीओ) मोस्लेम उद्दुीन खान के बारे में माना जाता है कि वे विदेश में छिपे हैं। बांग्लादेश के 1971 के मुक्ति संग्राम में भूमिका के लिए इन अधिकारियों को पुरस्कार दिए गए थे।

बांग्लादेश के संस्थापक की सबसे बड़ी बेटी और मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना और छोटी बेटी शेख रेहाना उस घटना में बच गयी थीं, क्योंकि वे घटना के वक्त पश्चिम जर्मनी में थीं। बंगबंधु हत्याकांड में 12 बर्खास्त सैन्य अधिकारियों को मृत्युदंड दिया गया था और उनमें से पांच को अब तक फांसी दी जा चुकी है, जबकि एक की विदेश में मौत हो गयी थी।

एक दशक पहले मुकदमे में दोषी ठहराए जाने के बावजूद इन चार पूर्व अधिकारियों के नाम 1971 के वीरता पुरस्कार विजेता की सूची में दर्ज थे, जिस पर हाल में सरकार का ध्यान गया। कुछ दिनों पहले मुक्ति संग्राम मामलों के मंत्री ए के एम मोजम्मिल हक ने कहा कि पुरस्कार सूची से नाम हटाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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