बीआईएफ ने दूरसंचार सचिव से स्पेक्ट्रम संबंधी दिशानिर्देशों पर जताई चिंता

नयी दिल्ली, ब्रॉडबैंड आधारित उद्यमों के मंच ‘ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम’ (बीआईएफ) ने निजी इस्तेमाल वाले कैप्टिव नेटवर्क के बारे में जारी दिशानिर्देशों के कई बिंदुओं को लेकर दूरसंचार विभाग को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है।

बीआईएफ ने बुधवार को दूरसंचार सचिव के. राजारमन को लिखे पत्र में कहा कि आवंटित स्पेक्ट्रम की कीमत को लेकर अनिश्चितता बने रहने और कैप्टिव नेटवर्क संबंधी दिशानिर्देश उसकी चिंताएं बढ़ा रहे हैं।

बीआईएफ के अध्यक्ष टी वी रामचंद्रन ने इस पत्र में कहा है कि कंपनियों को स्पेक्ट्रम के सीधे आवंटन के लिए जो शर्तें रखी गई हैं, वे उलझन पैदा करने वाली हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए ट्राई से सिफारिशें मांगने की बात कही गई है। यह नहीं समझ में आ रहा है कि विशेषज्ञ तकनीकी-आर्थिक प्राधिकरण के इसमें शामिल होने के बावजूद ऐसे अध्ययन की जरूरत ही क्यों है?’’

बीआईएफ के मुताबिक, ‘‘कंपनियों को सीधे स्पेक्ट्रम आवंटित करने के अलावा इसकी कीमत के संदर्भ में भी अनिश्चितता है। कैप्टिव-गैर-सरकारी नेटवर्क (सीएनपीएन) लाइसेंस के लिए कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं रखने का फैसला जहां प्रशंसनीय है वहीं यह साफ नहीं है कि क्या वह स्पेक्ट्रम शुल्क के बगैर होगा और अगर शुल्क लगता है तो वह कितना होगा?’’

बीआईएफ ने कहा है कि दूरसंचार कंपनियों को पहले स्पेक्ट्रम आवंटित करने की नीति उद्यमों के नजरिये से बेहद अनुचित एवं अन्यायपूर्ण होगी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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