ब्रिटिश विश्वविद्यालयों ने भारत के साथ विद्यार्थियों की व्यापक गतिशीलता के करार पर बल दिया

लंदन, भारत-ब्रिटेन की शैक्षणिक पहल के बीच बेहतर मिलान, गुणवत्ता आश्वासन, दोनों तरफ से विर्द्यार्थियों की गतिशीलता के लिए अधिक धन आवंटन आदि ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों के सबसे प्रतिनिधिमंडल की इस सप्ताह की दिल्ली यात्रा के बड़े नतीजे हैं।

भारत एवं ब्रिटेन के बीच उच्च शिक्षा सहयोग बढ़ाने के वास्ते ब्रिटिश काउंसिल ने यूनिवर्सिटीज यूके इंटरनेशनल (यूयूकेआई), अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग (डीआईटी) और शिक्षा विभाग (डीएफई) के साथ मिलकर कार्यशालाएं, उच्चस्तरीय बैठकें शुरू की हैं जिसकी शुरुआत सोमवार से हुई।

भारत-ब्रिटेन शिक्षा समन्वय कार्यशाला के तहत दोनों देशों के विश्वविद्यालय सहभागियों तथा संबंधित क्षेत्र के निकाय प्रतिनिधियों ने भारत में अंदरूनी गतिशीलता के साधन, सहयोग के मंच एवं उद्योग-अकादमिक संपर्क, निष्कर्षों के बारे में दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायुक्त को संप्रेषण तथा भारत के शिक्षा मंत्रालय से उच्चस्तरीय प्रतिनिधियों जैसे विषयों पर चर्चा की।

यूयूकेआई की निदेशक विविनी स्टर्न ने कहा,‘‘ संयुक्त परिसर, डिजिटल शिक्षण, दोहरी एवं संयुक्त उपाधियों समेत राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भारत में सामने आए अवसरों से ब्रिटिश विश्वविद्यालयों की रुचि का मिलान हो रहा है। ये अवसर ब्रिटिश एवं भारतीय शिक्षण की ताकतों को मिला सकते हैं तथा विद्यार्थियों के लिए अनोखी एवं अप्रत्याशित पेशकश ला सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ दुनिया में भारत की बढ़ती अहमियत के मद्देनजर यह जरूरी है कि ब्रिटश विद्यार्थी एवं स्नातक भारत की अर्थव्यवस्था, संस्कृति एवं समाज से परिचित हों।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://www.flickr.com/photos/brandopia/14641443200/

%d bloggers like this: