भारत को सीएएटीएसए प्रतिबंधों से छूट दिलाने के लिए अमेरिकी सांसद ने पेश किया विधेयक

वाशिंगटन, भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद को लेकर भारत को दंडात्मक सीएएटीएसए प्रतिबंधों से छूट दिलाने के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक संशोधन विधेयक पेश किया है। उन्होंने दलील दी है कि इससे अमेरिका और भारत के बीच रक्षा संबंध मजबूत होंगे।

वर्ष 2017 में लाए गए ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) में रूस से रक्षा और खुफिया लेनदेन करने वाले किसी भी देश के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।

अक्टूबर 2018 में, भारत ने तत्कालीन ट्रंप प्रशासन की चेतावनी के बावजूद एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच ईकाइयों को खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि अनुबंध पर आगे बढ़ने पर भारत पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

कैलिफॉर्निया से डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद खन्ना द्वारा पेश किए गए विधेयक में कहा गया है, “एक ओर भारत को रूस-निर्मित अपनी भारी हथियार प्रणालियों को बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता है, तो दूसरी ओर इस संक्रमण काल के दौरान रूस और चीन की करीबी साझेदारी के आलोक में आक्रामकता को रोकने के लिए काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) के तहत प्रतिबंधों में छूट दिया जाना अमेरिका और अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी के सर्वोत्तम हित में है।’’

विधेयक पेश करने के एक दिन बाद खन्ना ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ऐतिहासिक संशोधन अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी को मजबूत करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि ऐसे समय में भारत को गंभीर प्रतिबंधों का सामना न करना पड़े, जब हमें गठबंधन बनाने की जरूरत है।’’

खन्ना ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत बनाने के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और जरूरी पहल है। मुझे उम्मीद है कि मेरे सहयोगी इसे द्विदलीय आधार पर पारित करेंगे।”

संशोधन विधेयक में कहा गया है कि भारत-चीन सीमा पर चीन सरकार की निरंतर सैन्य आक्रामकता के चलते भारत को तात्कालिक और गंभीर क्षेत्रीय सीमा खतरों का सामना करना पड़ रहा है।

विधेयक में कहा गया है कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रूस निर्मित हथियारों पर निर्भर है, यह देखते हुए कि अमेरिका को भारत की तात्कालिक रक्षा जरूरतों का पुरजोर समर्थन करना चाहिए और भारत को रूस निर्मित हथियारों व रक्षा प्रणालियों से दूर ले जाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने चाहिए।

अमेरिका पहले ही रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने को लेकर तुर्की पर सीएएटीएसए के तहत पाबंदियां लगा चुका है। तुर्की पर पाबंदियां लगाए जाने के बाद इस बात की आशंका पैदा हो गई थी कि अमेरिका भारत पर भी ऐसे ही प्रतिबंध लगा सकता है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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