भारत ने 13वें संशोधन के माध्यम से श्रीलंका के तमिलों के अधिकारों की रक्षा की प्रतिबद्धता जताई

कोलंबो, भारत ने 13वें संशोधन को पूरी तरह लागू करवाने, प्रांतीय परिषद् के चुनाव और मेल-मिलाप के माध्यम से श्रीलंका के अल्पसंख्यक तमिल समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने की सोमवार को फिर से प्रतिबद्धता जताई।

भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने तमिल नेताओं के साथ अलग से बैठक कर उन्हें इस बात से अवगत कराया।

श्रृंगला शनिवार को चार दिनों की श्रीलंका यात्रा पर पहुंचे थे और उन्होंने तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए), तमिल नेशनल पीपुल्स फ्रंट (टीपीएफ) और सीलोन वर्कर्स कांग्रेस (सीडब्ल्यूसी) के नेताओं से मुलाकात की।

भारतीय उच्चायोग ने यहां ट्वीट कर बताया, ‘‘विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने टीएनए, टीपीएफ और सीडब्ल्यूसी के प्रतिनिधियों से अलग से मुलाकात की।’’

इसने कहा, ‘‘उन्होंने 13वें संशोधन को पूरी तरह लागू करवा कर, प्रांतीय परिषद् के चुनाव जल्द कराकर तथा मेल-मिलाप एवं भारत से संपर्क स्थापित कर तमिलों के अधिकारों की रक्षा करने की प्रतिबद्धता जताई।’’

भारत तमिल समुदाय के हितों की रक्षा करने और प्रायद्वीपीय देश के बहुधार्मिक समाज की व्यवस्था बनाए रखने के लिए श्रीलंका से अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की अपील करता रहा है।

तेरहवां संशोधन तमिल समुदाय को शक्तियां दिए जाने से संबंधित है। भारत श्रीलंका से आग्रह करता रहा है कि 1987 के भारत-श्रीलंका समझौते के बाद लाए गए 13वें संशोधन को लागू करे।

सत्तारूढ़ श्रीलंका पीपुल्स पार्टी के सिंहल बहुसंख्यक प्रायद्वीप के प्रांतीय परिषद् व्यवस्था को पूरी तरह खत्म करने की वकालत करते हैं, जिन्हें 1987 में शुरू किया गया था। लंका में नौ प्रांतीय परिषद् हैं।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://twitter.com/search?q=%23IndiaSRiLankaRelations

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