नयी दिल्ली, 1952 में विलुप्त हो जाने के बाद चीता एक बार फिर भारत में नजर आने के लिए तैयार हैं। केंद्र सरकार ने बुधवार को एक कार्य योजना की घोषणा की जिसके तहत अगले पांच वर्ष में 50 चीता देश में लाए जाएंगे।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की 19वीं बैठक में कार्य योजना की शुरुआत करते हुए कहा, “स्वतंत्र भारत में विलुप्त हो चुके चीता भारत में वापसी के लिए तैयार हैं।”
एनटीसीए के एक अधिकारी ने पहले कहा था कि चीता को फिर से लाने की योजना कोविड-19 के कारण अधर में लटक गई थी।
कार्य योजना के अनुसार, लगभग 10-12 युवा चीतों का एक समूह जो पुन: प्रजनन के लिए आदर्श होगा, को पहले वर्ष के दौरान नामीबिया या दक्षिण अफ्रीका से एक संस्थापक पशु धन के रूप में आयात किया जाएगा।
तीन सौ पन्नों की कार्य योजना में कहा गया, “”जंगली नर पशुओं के एक मौजूदा समूह का चयन किया जाएगा, जबकि कोशिश की जाएगी कि चयनित मादाएं भी एक-दूसरे से परिचित हों।”
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Getty Images