मनीष सिसोदिया ने जेल से कविता लिखी

दिल्ली शराब घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में हिरासत में चल रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जेल से एक कविता लिखी है। सिसोदिया की शीर्षकहीन कविता में गरीबों के बच्चों को शिक्षित करने और “सांप्रदायिक घृणा के जाल” पर आधारित राजनीति पर सवाल उठाने के महत्व को रेखांकित करने की कोशिश की गई है। सबको काम मिलेगा तो सड़कों पर तलवार कौन लहराएगा? अगर हर गरीब परिवार के बच्चे को शिक्षा मिले तो चौथी श्रेणी के राजा के महल की नींव हिल जाएगी।

उन्होंने कहा कि शिक्षा क्रांति, जो दिल्ली और पंजाब के सरकारी स्कूलों में शुरू हुई थी, जल्द ही पूरे देश में फैल जाएगी, उन्होंने कहा, “हमें जेल में डालो या हमें फांसी दो, यह कारवां नहीं रुकेगा।

https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/c/cd/ManishSisodia.jpg

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