मप्र राज्य सेवा परीक्षा में भारत छोड़ो आंदोलन के सवाल को लेकर विवाद

इंदौर, मध्यप्रदेश राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2022 में भारत छोड़ो आंदोलन को लेकर पूछे गए प्रश्न को विलोपित (रद्द) किए जाने पर भड़के उम्मीदवारों ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी है। इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि एमपीपीएससी ने उम्मीदवारों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए “राजनीतिक नेतृत्व को खुश करने के लिए” इस प्रश्न को रद्द किया है। अधिकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की 21 मई को आयोजित राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2022 के सामान्य अध्ययन के पर्चे में वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछा गया था कि भारत छोड़ो आंदोलन किस तिथि को शुरू हुआ था?

उन्होंने कहा कि पर्चे में इसके जवाब के चार विकल्पों के तौर पर क्रमश: सात अगस्त 1942, नौ अगस्त 1942, 10 अगस्त 1942 और छह अगस्त 1942 की तारीखें दी गई थीं। राज्य सेवा परीक्षा के उम्मीदवार आकाश पाठक ने बुधवार को ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा,‘‘हमारे पास इस बात के पक्के सरकारी दस्तावेज हैं कि भारत छोड़ो आंदोलन नौ अगस्त 1942 को शुरू हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम की एक कड़ी में भी इसका उल्लेख कर चुके हैं। आंदोलन की शुरुआत की तारीख का सही विकल्प राज्य सेवा परीक्षा के प्रश्नपत्र में था।’’

उन्होंने बताया कि एमपीपीएससी ने 24 मई को जारी प्रावधिक (प्रोविजनल) उत्तर कुंजी में नौ अगस्त 1942 वाले विकल्प को ही सही बताया था, लेकिन 12 जून को जारी अंतिम उत्तर कुंजी में चौंकाने वाला फैसला करते हुए दो अंक के इस सवाल को विलोपित कर दिया गया।

पाठक ने कहा कि अगर एमपीपीएससी ने अपने इस कथित तौर पर अनुचित फैसले को वापस नहीं लिया, तो उम्मीदवार मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में वह याचिका दायर करेंगे। उन्होंने कहा,‘‘भारत छोड़ो आंदोलन के प्रश्न को विलोपित किया जाना उन हजारों उम्मीदवारों के साथ अन्याय है जिन्होंने इसका सही उत्तर दिया था।” भारत छोड़ो आंदोलन के सवाल के विवाद के बारे में पूछे जाने पर एमपीपीएससी के विशेष कार्याधिकारी रवींद्र पंचभाई ने कहा कि विषय विशेषज्ञों ने उम्मीदवारों की आपत्तियों पर विचार-विमर्श के बाद इस प्रश्न को विलोपित किया है। इस बीच, सोशल मीडिया पर सामने आए कथित स्क्रीनशॉट में दावा किया जा रहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ट्विटर खाते से आठ अगस्त 2020 को जारी पोस्ट में “आठ अगस्त 1942” को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की तारीख बताया गया था। विवाद के तूल पकड़ने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बुधवार को राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया,‘‘मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2022 की उत्तर कुंजी विवादों में आ गई है। एक प्रश्न का उत्तर इस बात से तय नहीं किया जा रहा है कि सत्य क्या है, बल्कि इस बात से तय किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने एक खास तारीख को सही माना और ट्वीट किया।’’

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को तथ्य और सत्य के साथ उत्तर कुंजी बनानी चाहिए, न कि राजनीतिक नेतृत्व को खुश करने के लिए छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करना चाहिए।” उधर, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कमलनाथ के इस बयान को ‘‘बचकाना’’ करार दिया और दावा किया कि भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत के संबंध में आठ अगस्त 1942 और नौ अगस्त 1942, दोनों तारीखों की ऐतिहासिक घटनाओं की चर्चा होती है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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