ममता ने बंगाल में मंत्री पर हमले को साजिश करार दिया, विपक्ष और राज्यपाल ने एनआईए जांच की मांग की

कोलकाता, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि राज्य के मंत्री जाकिर हुसैन पर बम से हुआ हमला एक साजिश का हिस्सा था और कुछ लोग उन पर दूसरी पार्टी में शामिल होने के लिए ‘‘दबाव’’ बना रहे थे।

इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस ने इस मामले में एनआईए जांच की मांग की।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में निमटीटा रेलवे स्टेशन पर अज्ञात हमलावरों द्वारा बुधवार की रात बम से किए गए हमले में राज्य के मंत्री जाकिर हुसैन गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वह एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती हैं।

हुसैन से मिलने अस्पताल पहुंचीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेलवे पर भी निशाना साधा।

बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ मंत्री जाकिर हुसैन पर हमला एक सोची-समझी साजिश थी। कुछ लोग (पार्टी) पिछले कुछ महीने से जाकिर हुसैन पर दबाव बना रहे थे, कि वह उनके दल में शामिल हों। मैं अधिक जानकारी नहीं दूंगी क्योंकि जांच जारी है।’’

उन्होंने कहा कि हमलावर स्पष्ट तौर पर हुसैन के आने के बारे में जानते थे और शायद उनका पीछा कर रह थे।

बनर्जी ने कहा कि सिर्फ सीआईडी नहीं, बल्कि राज्य एसटीएफ और ‘काउंटर इंसर्जेंसी फोर्स’ (सीआईएफ) भी जांच में सहयोग करेगी।

मुख्यमंत्री ने हमले में गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को पांच-पांच लाख रुपये और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।

उन्होंने पूछा, ‘‘ जब हमला रेलवे स्टेशन पर हुआ, तो रेलवे सुरक्षा में चूक की अपनी जिम्मेदारी से इनकार कैसे कर सकती है? हमले के समय स्टेशन पर कोई सुरक्षा कर्मी नहीं था। वहां बिजली भी नहीं थी, बिल्कुल अंधेरा था। रेलवे पुलिस आखिर क्या कर रही थी?’’

उन्होंने कहा कि रेलवे को जांच में सहयोग करना चाहिए।

बनर्जी ने कहा, ‘‘ रेलवे स्टेशन, रेलवे की सम्पत्ति है। रेलवे पुलिस उसकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। यह हमारे अधिकार-क्षेत्र में नहीं आता।’’

बनर्जी ने बताया कि हमले में 26 लोग घायल हुए हैं।

राज्य सरकर ने घटना की जांच अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दी है।

बनर्जी ने कानून एवं व्यवस्था के बदतर होने के दावों को खारिज करते हुए कहा कि घटना रेलवे स्टेशन के अंदर हुई और परिसर केन्द्र के अधीन आता है।

वहीं, ईस्टर्न रेलवे ने बृहस्पतिवार शाम को बयान जारी इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच के संबंध में राज्य सरकार को हरसंभव सहायता की पेशकश की।

बयान के मुताबिक, जीआरपी ने भी इस मामले में हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया है।

इस बीच, भाजपा नेतृत्व ने इसे राज्य सरकार की विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश करार देते हुए बनर्जी पर निशाना साधा।

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजुमदार ने कहा, ‘‘ यह घटना दर्शाती है कि यहां कानून-व्यवस्था खत्म हो चुकी है। क्या रेलवे राज्य में शासन करता है? ऐसी बातों से कुछ नहीं होगा। वह (ममता) राज्य की गृह मंत्री और मुख्यमंत्री दोनों ही रूप में विफल हो चुकी हैं।’’

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि केवल एनआईए जांच के जरिए ही सच सामने लाया जा सकता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार इस मामले को दबाने का प्रयास करेगी।

भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि यह घटना साबित करती है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है।

उधर, पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने आए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के शासन में मंत्री तक सुरक्षित नहीं है और उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।

इस बीच, बम हमले के बाद राज्य सरकार ने मुर्शिदाबाद के जिलाधिकारी जगदीश प्रसाद मीणा को हटाकर उनके स्थान पर शरद कुमार द्विवेदी को नियुक्त किया है।

उधर, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बम धमाके की जांच एनआईए से कराने की मांग की

प्रदेश के श्रम मंत्री को बृहस्पतिवार को अस्पताल में देखने पहुंचे राज्यपाल ने वारदात की निंदा करते हुए कहा कि इस घटना की बेहद “विशेषज्ञ जांच” किये जाने की आवश्यकता है।

धनखड़ ने संवाददाताओं से कहा, “मैं आश्वस्त हूं कि इसमें राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा जांच कराए जाने की संभावना है, जिसके पास इस मामले को देखने के लिये जरूरी विशेषज्ञता है।”

इस वारदात को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और नृशंस करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह इस बात का याद दिलाती है कि हिंसा समाधान नहीं है और इसका समाज में कोई स्थान नहीं है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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