मलेशिया में सात महीने बाद संसद की बैठक, खत्म होगा आपातकाल

कुआलालंपुर, मलेशिया की सरकार ने कहा है कि वह एक अगस्त से आगे कोविड-19 आपातकाल को नहीं बढ़ाएगी, वहीं महामारी का प्रकोप बढ़ने के बीच सात महीने तक निलंबित रहने के बाद सोमवार को संसद की बैठक शुरू हुई।

देश में आपातकाल लागू होने के कारण सरकार को संसद को निलंबित करने की अनुमति मिल गयी और अध्यादेश के जरिए नियम लागू किए गए। विपक्ष ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मुहिद्दीन यासीन ने सत्ता में बने रहने और अपने नेतृत्व को मिल रही चुनौतियों से बचने के लिए संसद को निलंबित कर दिया। विपक्षी सांसदों ने एक जून से राष्ट्रीय लॉकडाउन के बावजूद महामारी से निपटने में नाकामी के लिए सरकार की आलोचना की। मलेशिया में रविवार तक कोविड-19 के कुल दस लाख से ज्यादा मामले आ चुके हैं। संक्रमण से मृतकों की संख्या भी 8,000 से अधिक हो चुकी है। देश में अब तक आए कुल मामलों में से 77 प्रतिशत मामले लॉकडाउन के बाद से आए हैं।

संसद के पांच दिवसीय सत्र की शुरुआत में कानून मंत्री तकियुद्दीन हसन ने कहा कि सरकार आपातकाल को आगे नहीं बढ़ाएगी। कानून मंत्री ने कहा कि सरकार ने 21 जुलाई को सभी आपातकालीन अध्यादेशों को रद्द कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने निचले सदन को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के ज्यादा संक्रामक डेल्टा स्वरूप के प्रसार से मलेशिया बच नहीं पाया। उन्होंने अपनी सरकार की नीतियों का बचाव करते हुए कहा कि लॉकडाउन से प्रभावित गरीब परिवारों और कारोबारियों को वित्तीय मदद दी गयी है। टीकाकरण अभियान भी तेज कर दिया गया है और इस साल के अंत तक अधिकतर आबादी को टीके की खुराक मिल जाने की संभावना है।

पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने मुहिद्दीन यासीन से सत्ता छोड़ देने की मांग की और कहा कि मार्च 2020 में आयी उनकी अनिर्वाचित सरकार सभी मोर्चे पर नाकाम रही है। अन्य विपक्षी सांसदों ने भी कहा कि संसदीय सत्र महज दिखावा है, क्योंकि चर्चा और मतदान की अनुमति नहीं दी गयी है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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