महाराष्ट्र में कांग्रेस करेगी विपक्ष का नेतृत्व: पृथ्वीराज चव्हाण

नयी दिल्ली, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन के बाद राज्य में पैदा हुई नई राजनीतिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि प्रदेश में उनका दल विपक्ष का नेतृत्व करेगा और महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक के तौर पर ही अगला लोकसभा चुनाव लड़ेगा।  उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना की तरह कांग्रेस में टूट होने की कोई गुंजाइश नहीं है।

             चव्हाण ने इस बात पर भी जोर दिया कि जिस तरह 1977 के लोकसभा चुनाव में जयप्रकाश नारायण की अगुवाई में विपक्षी दलों ने इंदिरा गांधी को पराजित करने के लिए एकजुटता का सिद्धांत अपनाया था, उसी तरह 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा को भी हराया जा सकता है।  उनका कहना था कि 1977 की तरह ही इस बार भी हर लोकसभा सीट पर भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एक उम्मीदवार खड़ा करना होगा।

             चव्हाण के अनुसार, महा विकास आघाड़ी के दलों को तोड़ना भाजपा की बड़ी मजबूरी हो गई थी, क्योंकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को तोड़े बिना उसका गठबंधन महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 10-15 के आंकड़े तक नहीं पहुंच सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि राकांपा के टूटने के बाद एमवीए की ताकत पर असर जरूर हुआ है, लेकिन इन पार्टियों का जमीन पर मजबूत आधार है और वे लड़ेंगीं व भाजपा को पराजित करेंगी।

             उन्होंने यह दावा भी किया कि कांग्रेस के कुछ विधायकों को ईडी और सीबीआई के माध्यम से डराया-धमकाया जा रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता कि कांग्रेस के दो तिहाई विधायक टूट जाएं। कांग्रेस नेता कहा, ‘‘शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जैसी टूट कांग्रेस में होने की कोई गुंजाइश नहीं है।’’ पिछले दिनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने आठ अन्य विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ले ली और पार्टी के नाम एवं इसके चुनाव निशान घड़ी पर अपना दावा पेश कर दिया। अजित पवार महाराष्ट्र सरकार में उप मुख्यमंत्री बने हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के वह दावेदार हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी में कोई दावेदार नहीं होता।’’

             उन्होंने कहा कि एमवीए के तीनों प्रमुख दल जिसका भी नाम तय करें, विधानसभा अध्यक्ष को संसदीय परंपराओं और विधानसभा की परंपराओं का अनुसरण करते हुए उसे नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देनी चाहिए।

             महाराष्ट्र की नई राजनीतिक परिस्थिति में कांग्रेस की भूमिका से जुड़े सवाल पर चव्हाण ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के दो घटक दलों शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में बड़ा विभाजन हुआ है। इस विभाजन के बाद एमवीए में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। कांग्रेस स्वभाविक रूप से नेतृत्व करेगी। कांग्रेस का नेता विपक्ष का नेता होगा।’’चव्हाण के अनुसार, ‘‘यह सही है कि एमवीए के सरकार में रहने के मुकाबले अब इस गठबंधन के विधायकों की संख्या कम हो गई है। संख्या कुछ भी हो, ये पार्टियां बड़ी हैं, जमीन पर बहुत बड़ी संख्या में लोग उनका समर्थन करते हैं।’’ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी विपक्ष का नेतृत्व करेगी और हम एक प्रभावी विपक्ष होंगे।’’

            उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दिनों में महराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं के साथ पार्टी नेतृत्व की बैठक में यह फैसला किया गया कि कांग्रेस महा विकास आघाड़ी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। एमवीए के भविष्य से संबंधित सवाल पर चव्हाण ने कहा, ‘‘महा विकास आघाड़ी का गठन जिस उद्देश्य से हुआ था वो आज भी कायम है। वह उद्देश्य था कि हमें भाजपा की अगुवाई वाली सांप्रदायिक ताकतों को पराजित करना है…हम लड़ाई जारी रखेंगे।’’उनका यह भी कहना था कि सीटों को लेकर मोलभाव का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि भाजपा को हराने की संभावना के आधार पर ही उम्मीदवार तय होंगे।

             राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन की कवायद पर चव्हाण ने कहा, ‘‘2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 37 प्रतिशत वोट मिले थे। अगर कल्पना करें कि आज भी भाजपा के पास 35 प्रतिशत का जनाधार है तो इसका मतलब हे कि 65 प्रतिशत मतदाता भाजपा के खिलाफ हैं। इन 65 प्रतिशत लोगों के वोट अलग अलग पार्टियों में बंट जाते हैं। वोटों के बंटवारे से मोदी जी को फायदा होता है।’’            उनका कहना था, ‘‘हमारी कोशिश है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के हर प्रत्याशी के खिलाफ विपक्ष का एक ही प्रत्याशी खड़ा किया जाए। यह संभव है। 1977 में जयप्रकाश नारायण जी के नेतृत्व में इंदिरा जी को हराने के लिए विपक्ष ने यह किया था। उस तरह की रणनीति अपनाएं, थोड़ी देर के लिए चेहरे की बात को अलग रखें और यह कहें कि हमारा पहला लक्ष्य लोकतंत्र को बचाने का है तो यह हम भाजपा को पराजित कर सकते हैं।’’

             विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व से जुड़े सवाल पर चव्हाण ने कहा, ‘‘नेतृत्व कोई नहीं करेगा। क्या 1977 में किसी ने नेतृत्व किया था? मेरी निजी राय है कि हमें 1977 दोहराना पड़ेगा, इससे भाजपा की हार होगी। यह स्वाभाविक है कि भाजपा कोशिश करेगी कि ऐसा न हो। ऐसे में पार्टियों को तोड़ा जाएगा और छोटी-छोटी पार्टियों के जरिये वोट काटने का प्रयास होगा। हमें भी जनता को और सावधान करना होगा।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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