मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण होती हैं चोटें, वापसी कर खुश हूं: मीराबाई चानू

 नयी दिल्ली  ओलंपिक रजत पदक विजेता मीराबाई चानू ने हाल में विश्व कप में सबसे कम वजन उठाया था लेकिन वह अपने प्रदर्शन से खुश हैं क्योंकि चोट से निपटने के बाद महज एक महीने की ट्रेनिंग से वह वापसी करने में सफल रहीं। पेरिस ओलंपिक में अब सिर्फ चार महीने का समय बचा है। चानू ने एशियाई खेलों में चोटिल होने के बाद अपनी पहली प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और 184 किग्रा (81 किग्रा + 103 किग्रा) के कुल प्रयास से आईडब्ल्यूएफ विश्व कप में 12वां स्थान हासिल किया। वह चीन की होऊ झिऊई से 33 किग्रा पीछे थीं जो पेरिस में अपना ओलंपिक खिताब बचाने की कोशिश करेंगी। चानू ने पीटीआई से साक्षात्कार में कहा  ‘‘मैं प्रतिस्पर्धा में वापसी कर काफी खुश थी। अभी तक सब ठीक है  चोट से अच्छी तरह उबर गयी हूं। मैं 70 प्रतिशत ट्रेनिंग कर रही हूं। ’’

 महज एक महीने की ट्रेनिंग के बाद चानू 49 किग्रा वजन वर्ग में ‘बारबेल’ उठाने में सफल रहीं। उन्होंने कहा  ‘‘मुझे अच्छा लगा। चोटिल होने के बाद मैंने चार-पांच महीने बाद वजन उठाया था जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। ’’उन्होंने कहा  ‘‘भारोत्तोलन अलग है  इसमें हमेशा भय बना रहता है कि अब क्या होगा। मैं आत्मविश्वास से भरी थी क्योंकि मैं चोट से तेजी से उबरने में कामयाब रही। ’’

चानू सिर्फ एशियाई खेलों का पदक हासिल नहीं कर पायी हैं। वह ओलंपिक  विश्व चैम्पियनशिप  राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई चैम्पियनशपि के पदक अपने नाम चुकी हैं।एशियाई खेलों के 2022 चरण में वह ‘हिप टेंडोनाइटिस’ (कूल्हे की चोट) लगा बैठी थीं। इसके बाद 29 साल की इस भारोत्तोलक के लिये समय काफी चुनौतीपूर्ण रहा क्योंकि वह सिर्फ ‘अपर बॉडी’ का व्यायाम ही कर सकती थीं और भावनात्मक समर्थन के लिए अपनी मां पर निर्भर थीं। उन्होंने कहा  ‘‘जब हम एशियाई खेलों से लौटे तो डॉक्टरों ने कहा कि मुझे आराम की जरूरत है। लेकिन इसके बाद भी यह ठीक नहीं हुई। मुझे बैठने में दर्द होता था। चोट से हमेशा मानसिक परेशानी होती है। आप भविष्य के बारे में सोचते रहते हो। क्या मैं ट्रेनिंग कर पाऊंगी  ’’  

चानू ने कहा  ‘‘मेरी मां यहां मेरे साथ रहीं। इससे मुझे बहुत मदद मिली। मैंने अपने दिमाग को शांत किया। उन्होंने कहा  ‘‘ अभी ट्रेनिंग शुरू ही की है। मुश्किल से एक महीना हुआ है। इसे देखते हुए मैंने अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन अब हम जानते हैं कि मुझे क्या काम करना है और क्या करने की जरूरत है। सब कुछ ठीक चल रहा है और अगर चीजें ठीक रहीं तो मैं पेरिस में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगी। ’’ पहलवान सुशील कुमार और बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ही ओलंपिक में भारत के लिए व्यक्तिगत खेलों में लगातार पदक जीत सके हैं। मुख्य कोच विजय शर्मा ने कहा  ‘‘ रोज की ट्रेनिंग से निर्धारित होगा कि पेरिस में प्रदर्शन कैसा रहेगा।’’ उन्होंने कहा  ‘‘इस बार 200 किग्रा से पदक नहीं मिलेगा। कड़ी चुनौती होगी। 205 किग्रा से ज्यादा की योजना बनायी हुई है लेकिन इसके लिए कार्यान्वयन सही होना चाहिए। ’’  

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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