माली की सेना को लोकतंत्र बहाली की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए : संयुक्त राष्ट्र प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने माली के सैन्य नेताओं से देश में लोकतंत्र बहाली की दिशा में कदम बढ़ाने में तेजी लाने का आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने माली की सेना की अगले महीने के चुनावों को 2026 तक टालने की हालिया घोषणा पर ‘‘अत्यंत चिंता’’ व्यक्त की है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह नितांत आवश्यक है कि चुनाव के दृष्टिकोण से माली सरकार एक स्वीकार्य तिथि बताए।’’ गुतेरेस ने कहा कि उन्होंने चुनाव में देरी को लेकर घाना, सेनेगल और नाइजीरिया के राष्ट्रपतियों, अल्जीरिया के विदेश मंत्री और अफ्रीकी संघ आयोग के अध्यक्ष मूसा फकी महामत से बात की और माली की सरकार से जल्द संपर्क करने की उम्मीद जताई।

घाना पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय खंड ‘इकोवास’ का प्रमुख है, जिसने माली के राष्ट्रपति असिमी गोइता की चुनाव में देरी की घोषणा के जवाब में रविवार को माली पर नए प्रतिबंध लगाए, अधिकांश वाणिज्य और वित्तीय सहायता को निलंबित कर दिया और इकोवास के अन्य सदस्यों के साथ भूमि एवं हवाई सीमाओं को बंद कर दिया। घाना ने खंड के अतिरिक्त बल को भी तैयार रहने का निर्देश देते हुए कहा, ‘‘किसी भी घटना के लिए तैयार रहना होगा।’’

गुतेरेस ने कहा कि वह इकोवास और अफ्रीकी संघ (एयू) के साथ काम कर रहे हैं। माली में 2012 से इस्लामी चरमपंथी विद्रोह को रोकने के लिए संघर्ष जारी है। चरमपंथी विद्रोहियों को फ्रांसीसी नेतृत्व वाले सैन्य अभियान की मदद से माली के उत्तरी शहरों में सत्ता से हटने के लिए मजबूर किया गया था, लेकिन वे रेगिस्तान में फिर से इकट्ठा हो गए और माली की सेना एवं उसके सहयोगियों पर हमले शुरू कर दिए। आम नागरिकों और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों पर हमलों से असुरक्षा और बढ़ गई है।

अगस्त 2020 में माली के राष्ट्रपति बाउबकर इब्राहिम कीता को तख्तापलट कर हटा दिया गया था, जिसमें सेना के तत्कालीन कर्नल गोइता भी शामिल थे। पिछले जून में गोइता ने नौ महीने में दूसरी बार तख्तापलट करने के बाद एक संक्रमणकालीन सरकार के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।

सैन्य शासन शुरू में फरवरी के अंत में नया चुनाव कराने के लिए सहमत हुआ था, लेकिन इस महीने की शुरुआत में सैन्य नेतृत्व ने कहा कि देश भर में बढ़ती असुरक्षा की भावना के कारण 2026 तक चुनाव को टाला जाता है, जिससे गोइता चार साल और सत्ता में बने रहेंगे।

गोइता ने इकोवास से प्रतिबंधों पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया और कहा कि वह क्षेत्रीय खंड के साथ सहयोग के लिए तैयार हैं। गुतेरेस ने उल्लेख किया कि इकोवास ने कहा है कि यदि माली की सरकार चुनाव के लिए स्वीकार्य तारीखों की घोषणा करती है और उस दिशा में कदम आगे बढ़ाती है तो उस पर लगे ‘‘प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया’’ जा सकता है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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