माली सरकार ने तख्तापलट की कोशिश नाकाम की : प्रवक्ता

बमाको (माली), माली सरकार ने सोमवार देर शाम बताया कि सुरक्षा बलों ने देश में तख्तापलट की कोशिश को नाकाम कर दिया है।

सरकार ने आरोप लगया कि तख्तापलट की कोशिश को एक पश्चिमी देश का समर्थन हासिल था। हालांकि, उसने इस मुल्क का नाम नहीं बताया।

माली में फिलहाल कर्नल आसिमी गोईता का शासन है, जो खुद तख्तापलट करके राष्ट्रपति बने हैं। उन्होंने 2020 और 2021 में तख्तापलट की अगुवाई की थी और फिर पश्चिमी अफ्रीकी मुल्क के राष्ट्रपति बन गए थे।

प्रेस के लिए जारी विज्ञप्ति में उस देश का नाम नहीं जाहिर किया गया है, जिस पर तख्तापलट की कोशिश का आरोप लगाया गया है। हालांकि, गोइता के शासन में फ्रांस के साथ माली के रिश्तों में खासी कड़वाहट आई है, जिसके बाद फ्रांसीसी सेना ने मुल्क से अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है।

माली पहले फ्रांस का उपनिवेश था, जहां उसकी सेना नौ साल से इस्लामी चरमपंथियों से लड़ रही थी।

सरकार के प्रवक्ता कर्नल अब्दुलाये माइगा के दस्तख्त वाले बयान में कहा गया है कि तख्तापलट का प्रयास करने वाले सैनिकों को एक पश्चिमी देश का समर्थन हासिल है।

बयान के मुताबिक, माली गणराज्य की सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा पर इस अपमानजनक हमले की निंदा करती है, जिसका मकसद देश को सुरक्षित करने और संवैधानिक व्यवस्था की ओर लाने की कोशिशों में बाधा डालना है।

माइगा ने बयान को सरकारी टीवी पर भी पढ़ा, जिसमें यह भी कहा गया है कि सुरक्षा बलों ने पिछले बुधवार को तख्तापलट की कोशिश की थी।

इससे एक दिन पहले सरकार के प्रवक्ता ने ऐलान किया था कि माली पांच देशों वाले क्षेत्रीय सुरक्षा समूह ‘जी-5’ से अलग हो रहा है।

पिछले महीने माली सरकार ने फ्रांस के मीडिया संस्थान ‘रेडियो इंटरनेशल’ और ‘फ्रांस24’ पर स्थायी रूप से रोक लगा दी थी। अधिकारियों का आरोप है कि ये मीडिया संस्थान माली के सैनिकों द्वारा लोगों का उत्पीड़न किए जाने की फर्जी खबरें प्रसारित कर रहे हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : VOA

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