मिसाइल प्रक्षेपण को लेकर उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लगाने का चीन, रूस ने किया विरोध

संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और उसके सहयोगियों ने उत्तर कोरिया के अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) परीक्षण की सोमवार को कड़ी निंदा की और उससे अपने परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों को सीमित करने का आह्वान किया। हालांकि, रूस और चीन ने प्योंगयांग पर और दबाव बनाने व नए प्रतिबंध लगाने की कोशिशों का विरोध किया।

उत्तर कोरिया ने 17 नवंबर को एक बार फिर आईसीबीएम का सफल परीक्षण किया था। ऐसा कहा जा रहा है कि यह मिसाइल पूरे उत्तरी अमेरिका को निशाना बनाने में सक्षम है।

अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक में कहा कि अमेरिकी प्रशासन राष्ट्रपति जो बाइडन का बयान जारी करेगा, जिसमें उत्तर कोरिया की ‘‘उसके सभी गैरकानूनी बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण, अन्य खतरनाक व अस्थिर करने वाली गतिविधियों के लिए’’ निंदा की गई है।

उन्होंने कहा कि इस बयान में उत्तर कोरिया से सभी बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु परीक्षणों पर रोक लगाने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का पालन करने का आह्वान किया गया है।

वहीं, संयुक्त राष्ट्र में रूस की उप राजदूत एना एवतिग्नीवा ने कहा कि ‘‘प्रतिबंध लगाकर व दबाव बनाकर उत्तर कोरिया को (परमाणु) निरस्त्रीकरण के लिए मजबूर करने की अमेरिका की इच्छा’’ स्पष्ट रूप से मौजूदा आक्रामक व उग्र स्थिति का कारण है।

उन्होंने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के सैन्य अभ्यासों में नाटकीय वृद्धि की तरफ भी इशारा किया।

एवतिग्नीवा ने कहा कि इस तरह के सैन्य उपायों व संभावित नए प्रतिबंधों से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव और बढ़ने का खतरा है, ‘‘जिसका पूरे पूर्वोत्तर एशिया क्षेत्र पर अप्रत्याशित व खतरनाक असर पड़ सकता है।’’

उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद को ‘‘अंतर-कोरियाई वार्ता और बहुपक्षीय वार्ताओं के लिए एक बाधा बनने के बजाय उनका समर्थन करना चाहिए।’’

संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जून ने ‘‘तनाव कम करने के लिए वार्ता बहाल करने के प्रयासों का आह्वान किया और स्थिति को बार-बार नियंत्रण के बाहर जाने से रोकने के लिए एक-दूसरे के साथ लगातार मुलाकात करने पर जोर दिया।’’

झांग ने अमेरिका से ‘‘गंभीरता दिखाने’’, यथार्थवादी प्रस्ताव पेश करने, उत्तर कोरिया की वैध चिंताओं पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देने, सैन्य अभ्यास बंद करने और प्रतिबंधों को कम करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद को ‘‘इस मुद्दे पर एक रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए और उत्तर कोरिया की हमेशा निंदा कर उस पर दबाव नहीं बनाना चाहिए।’’

बैठक में संयुक्त राष्ट्र की राजनीतिक मामलों की प्रमुख रोजमेरी डिकार्लो ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के ‘‘व्यापक उल्लंघन’’ के रूप में प्रक्षेपण की महासचिव एंतोनियो गुतारेस द्वारा की गई निंदा को दोहराया।

संयुक्त राष्ट्र में जापान के राजदूत किमिहिरो इशिकाने ने परिषद से कहा कि पिछले दो महीने में उत्तर कोरिया की एक मिसाइल ने जापान के ऊपर से उड़ा भरी। ऐसा पिछले पांच साल में पहली बार हुआ, जबकि 17 नवंबर को दागी गई मिसाइल ‘‘होक्काइडो से सिर्फ 200 किलोमीटर दूर जापानी क्षेत्र में गिरी।’’

इशिकाने ने इसे ‘‘अस्वीकार्य व गैरकानूनी’’ करार देते हुए कहा कि इस बात के संकेत मिले हैं कि नयी मिसाइल पूरे एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों पर हमला करने में सक्षम है।’’

उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया को इस तरह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को खतरे में डालने देना गलत होगा।

बैठक के बाद अमेरिकी राजदूत थॉमस-ग्रीनफील्ड ने परिषद के आठ सदस्यों अल्बानिया, फ्रांस, आयरलैंड, भारत, नॉर्वे, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ब्रिटेन और अमेरिका के साथ-साथ दक्षिण कोरिया, जापान और अन्य चार देशों की ओर से एक बयान पढ़ा।

बयान में, उत्तर कोरिया के हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपणों की निंदा की गई।

बयान में कहा गया है, ‘‘हम सभी सदस्य देशों से उत्तर कोरिया के गैरकानूनी बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण की निंदा करने और सुरक्षा परिषद के मौजूदा प्रस्तावों के पूर्ण कार्यान्वयन का आह्वान करते हैं। हम कूटनीति पर कायम रहेंगे।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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