म्यांमा में हिंसा के बीच अफीम की खेती में 33 प्रतिशत की वृद्धि: रिपोर्ट

बैंकॉक, म्यांमा में सत्ता पर सेना के कब्जा करने के बाद से अफीम की खेती में बढ़ोतरी हुई है और इस पर रोकथाम के प्रयास बंद होने एवं कमजोर अर्थव्यवस्था के चलते अधिक लोगों द्वारा नशीले पदार्थों का व्यापार किए जाने के कारण पिछले एक साल में अफीम की खेती में 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। संयुक्त राष्ट्र की बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

नशीले पदार्थों एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में आंग सान सू ची की लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को हटाकर देश पर सेना के कब्जे के बाद 2022 में म्यांमा में अफीम की खेती का क्षेत्र 33 प्रतिशत बढ़कर 40,100 हेक्टेयर (99,090 एकड़) हो गया।

संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के क्षेत्रीय प्रतिनिधि जेरेमी डगलस ने कहा, ‘‘फरवरी 2021 के सैन्य अधिग्रहण के बाद आर्थिक, सुरक्षा और प्रशासन संबंधी व्यवधान एक साथ पैदा हुए और दूरदराज के इलाकों, अक्सर संघर्षग्रस्त रहने वाले उत्तरी शान और सीमावर्ती राज्यों में किसानों के पास अफीम की खेती करने के अलावा खास विकल्प नहीं बचा।’’

संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, म्यांमा की अफीम आधारित अर्थव्यवस्था का कुल मूल्य स्थानीय आधार पर बेची गई मात्रा और हेरोइन या अन्य नशीले पदार्थों के रूप में संसाधित की गई कच्ची अफीम की मात्रा के आधार 66 करोड़ से दो अरब डॉलर के बीच है।

डगलस ने कहा, ‘‘पूर्वी एवं दक्षिणपूर्वी एशिया और ऑस्ट्रेलिया में पाई जाने वाली लगभग सारी हेरोइन म्यांमा से आती है और म्यांमा अफगानिस्तान के बाद दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा अफीम और हेरोइन उत्पादक देश है।’’

सेना के 2021 में सत्ता पर कब्जा करने से पहले देश में पिछले कुछ साल में अफीम की खेती में लगातार गिवाट देखी गई थी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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