राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के नेतृत्व में संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने हंगरी का दौरा किया

नयी दिल्ली, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के नेतृत्व में सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 7-8 मार्च तक हंगरी का दौरा किया तथा भारत एवं यूरोपीय देश के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी को रेखांकित किया। हरिवंश ने हंगरी नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर इस्तवान याकब से मुलाकात करने और पीटर सेरेस्नेस की अध्यक्षता में हंगेरियन नेशनल असेंबली के हंगरी-इंडियन फ्रेंडशिप ग्रुप के साथ बातचीत करने के बाद भारत और हंगरी के बीच जीवंत संबंधों के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में संसदीय सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला।

राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के विभिन्न आयामों पर चर्चा की और संस्कृति के साथ-साथ लोगों से लोगों के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया। बयान में कहा गया कि उन्होंने हंगरी की संसदीय परंपराओं में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए एक व्यापक संसदीय दौरा भी किया। याकब के निमंत्रण पर आयोजित इस दौरे में राज्यसभा के दो सदस्यों- अशोक बाजपेयी और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी पी वत्स के अलावा राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी भी शामिल थे।

हरिवंश ने कहा, ‘‘हमारे सांस्कृतिक सहयोग का लंबा इतिहास रहा है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि हंगरी में योग, भारतीय संगीत, नृत्य तथा आयुर्वेद को लेकर अत्यधिक रुचि है। हमारी दोस्ती लोगों के बीच संबंधों तक फैली हुई है, जो वर्षों से पोषित हुई है।’’ हंगरी-भारतीय मैत्री समूह ने कृत्रिम मेधा, जल प्रबंधन और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्रों सहित सहयोग के बारे में भी बात की।

बयान में कहा गया है कि भारत और हंगरी के बीच गर्मजोशीपूर्ण, मैत्रीपूर्ण, बहुआयामी और ठोस राजनयिक संबंधों ने 2023 में 75वीं वर्षगांठ के मील के पत्थर को चिह्नित किया।दोनों देशों के बीच नियमित संसदीय आदान-प्रदान होता रहा है और हंगरी की विदेश मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष ज़सोल्ट नेमेथ ने जनवरी में भारत का दौरा किया था। याकब ने फरवरी 2023 में भारत का दौरा किया था। हंगरी में लगभग 9,000 की आबादी वाले भारतीय प्रवासी दोनों देशों के बीच एक मजबूत सेतु के रूप में कार्य करते हैं।

इस अवसर पर, हंगरी की संसद में टीम ने एक ओडिसी नृत्य प्रदर्शन का आयोजन किया। बयान में कहा गया है कि विराग रेका तुरी के नेतृत्व वाली मंडली ने वास्तव में दिखाया कि सांस्कृतिक संबंध दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का आधार कैसे बनते हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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