राष्ट्रीय पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप का आकर्षण होंगे थापा और बिधुड़ी

बेल्लारी (कर्नाटक), विश्व चैंपियनशिप टीम में जगह बनाने के लक्ष्य के साथ लगभग 400 मुक्केबाज बुधवार से यहां शुरू हो रही राष्ट्रीय पुरुष चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगे जिसमें पांच बार के एशियाई चैंपियनशिप के पदक विजेता शिव थापा और विश्व चैंपियनशिप के पूर्व कांस्य पदक विजेता गौरव बिधूड़ी भी शामिल हैं।

इस प्रतियोगिता के स्वर्ण पदक विजेता को स्वत: ही विश्व चैंपियनशिप की टीम में जगह मिलेगी जबकि रजत पदक विजेताओं को राष्ट्रीय शिविर में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा।

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने बयान में कहा, ‘‘(राष्ट्रीय शिविर में) अंतिम दो स्थानों पर फैसला कांस्य पदक विजेताओं और पिछली राष्ट्रीय चैंपियनशिप की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली तीन इकाइयों एसएससीबी (सेना), आरएसपीबी (रेलवे) और हरियाणा की दूसरी टीमों के बीच चयन ट्रायल के आधार पर होगा।’’

फ्लाइवेट स्टार अमित पंघाल सहित ओलंपिक में हिस्सा लेकर लौटे भारत के पांचों मुक्केबाजों ने अभ्यास की कमी और चोटों के कारण इस प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया।

थापा 63.5 किग्रा वर्ग में असम का प्रतिनिधित्व करेंगे जबकि बिधूड़ी 57 किग्रा वर्ग में रेलवे की ओर से चुनौती पेश करेंगे।

इस प्रतियोगिता में ‘हेडगार्ड’ का इस्तेमाल किया जाएगा।

विश्व चैंपियनशिप का आयोजन 26 अक्टूबर से किया जाएगा और तोक्यो ओलंपिक के बाद यह मुक्केबाजों के लिए पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता होगी।

थापा के अलावा राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता सेना के मोहम्मद हुसामुद्दीन और सेना के ही एशियाई चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता दीपक कुमार भी प्रतियोगिता में खिताब के लिए चुनौती पेश करेंगे।

कुल 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा बोर्ड के मुक्केबाज चैंपियनशिप में अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के संशोधित वजन वर्ग के तहत चुनौती पेश करेंगे।

पुरुष मुक्केबाजी में भार वर्ग 10 से बढ़ाकर 13 किए गए हैं जिससे अब संशोधित भार वर्ग 48 किग्रा, 51किग्रा, 54किग्रा, 57 किग्रा, 60 किग्रा, 63.5 किग्रा, 67 किग्रा, 71 किग्रा, 75 किग्रा, 80 किग्रा, 86 किग्रा, 92 किग्रा और +92 किग्रा होंगे।

कोविड-19 महामारी के कारण इस प्रतियोगिता की एक साल बाद वापसी हो रही है।

टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे मुक्केबाजों, अधिकारियों और सहयोगी स्टाफ को प्रतियोगिता के लिए पहुंचने के 72 घंटे पहले ही आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखानी होगी।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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