रूस ने अनाज निर्यात समझौते को धता बताते हुए यूक्रेन के ओडेसा बंदरगाह पर दागीं मिसाइल

कीव, रूस और यूक्रेन द्वारा ओडेसा से अनाज का निर्यात फिर से शुरू करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ घंटों बाद, रूसी सेना ने काला सागर में यूक्रेनी बंदरगाह ओडेसा पर मिसाइल दागीं।

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को हुए इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि रूस का यह कदम, अनाज निर्यात का समझौता कराने वाले तुर्की और संयुक्त राष्ट्र का “मखौल उड़ाने जैसा है।”

यूक्रेन की सेना की दक्षिणी कमान ने कहा कि दो रूसी कैलिबर मिसाइल ने बंदरगाह पर हमला किया और यूक्रेन की हवाई रक्षा सेना ने दो अन्य मिसाइल को नष्ट कर दिया।

कमान की प्रवक्ता नतालिया हुमेनयुक ने कहा कि किसी अनाज गोदाम को नुकसान नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने कहा, “इस्तांबुल समझौते के तहत संयुक्त राष्ट्र और तुर्की के समक्ष किये गए वादे को तोड़ने में रूस ने 24 घंटे भी नहीं लगाए और ओडेसा बंदरगाह पर मिसाइल से हमला किया।”

उन्होंने कहा, “वादा नहीं निभाने की सूरत में, वैश्विक खाद्य संकट के लिए रूस पूरी तरह जिम्मेदार होगा।” यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के 150वें दिन किये गए मिसाइल हमले पर निकोलेंको ने कहा कि यह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा “संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन का मखौल उड़ाने जैसा है, जिन्होंने यह समझौता कराया था।”

गुतारेस के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि संयुक्त राष्ट्र इन हमलों की “कड़ी निंदा” करता है। बयान में कहा गया, “कल सभी पक्षों ने यूक्रेन के अनाज और अन्य कृषि उत्पादों को सुरक्षित तरीके से वैश्विक बाजार में पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई थी। इन उत्पादों से वैश्विक खाद्य संकट से जूझ रहे लोगों को मदद मिलनी है और दुनियाभर में लाखों लोगों के खाद्यान्य संकट को दूर करने की जरूरत है। रूस, यूक्रेन और तुर्की को इस समझौते का पूरी तरह पालन करना चाहिए।”

अनाज निर्यात फिर से शुरू करने के लिए इस्तांबुल में शुक्रवार को समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान गुतारेस ने वाणिज्यिक खाद्यान्न निर्यात के वास्ते यूक्रेन के ओडेसा, चेर्नोमोर्स्क और युझनी बंदरगाह खोलने की सराहना की थी। साथ ही, कहा था कि इससे एक नई उम्मीद जगी है।

इस समझौते से यूक्रेन का लाखों टन अनाज और रूस का कुछ अनाज तथा उर्वरक का निर्यात होना है जो युद्ध के कारण रूका हुआ है। यूक्रेन, गेहूं, मक्का और सूरजमुखी के तेल के विश्व का सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है।

वहीं, ओडेसा के अलावा रूस ने शनिवार को मध्य यूक्रेन की एक एयरफील्ड और रेलवे प्रतिष्ठान पर मिसाइल दागीं, जिससे कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई।

यूक्रेन ने भी रूस के कब्जे वाले दक्षिणी क्षेत्र में रॉकेट दागे। यूक्रेन के मध्य स्थित किरोवोह्रादस्का क्षेत्र में एक हवाईअड्डा और एक रेलवे प्रतिष्ठान पर 13 रूसी मिसाइल दागी गईं।

गर्वनर एड्रिय रेलकोविच ने कहा कि इन हमलों में कम से कम एक कर्मी और दो गार्ड की मौत हो गई। क्षेत्रीय प्रशासन ने बताया कि किरोवोह्राद शहर के निकट हुए हमलों में 13 अन्य लोग घायल हुए हैं।

इस बीच, हमले की शुरुआत में रूसी सेना द्वारा कब्जा किये गए दक्षिणी खेरसोन क्षेत्र में यूक्रेनी सैनिकों ने दनीपर नदी के पार रॉकेट दागे और रूसी सेना के लिए रसद आपूर्ति बाधित करने की कोशिश की।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शुक्रवार रात के अपने संबोधन में कहा कि यह समझौता ‘‘उस वैश्विक विनाश-अकाल को रोकने का अवसर देता है, जिससे दुनिया के कई देशों, खासकर हमारी मदद कर रहे देशों में राजनीतिक अराजकता पैदा हो सकती है।’’

इस बीच, यूक्रेन में अमेरिकी राजदूत ब्रिजेट ब्रिंक ने ओडेसा बंदरगाह पर रूसी हमले को ‘‘क्रूरता’’ करार दिया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘क्रेमलिन भोजन को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना जारी रखे हुए है। रूस को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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