लगता है अमेज़न अब भी कर्मचारियों को रोबोट बनाने पर तुली है, यहां कुछ समाधान हैं

लंदन, (द कन्वरसेशन) इंग्लैंड के मिडलैंड्स में स्थित अमेज़न के कन्वेंटरी गोदाम में कंपनी के सैकड़ों कर्मचारियों की हड़ताल ने आज के उच्च तकनीक वाले समाज में काम की कुछ समस्याओं से उन्हें राहत दिलाई है।

हड़ताल का मुख्य कारण वेतन था जबकि कर्मचारी काम के लंबे घंटों और स्वचालित निगरानी प्रणाली के भी खिलाफ थे जिसमें देखा जाता था कि कर्मचारी कोई काम करने में या शौचालय आदि में कितना वक्त ले रहे हैं। इसने दबाव बढ़ाया और गहन कार्य वातावरण के बीच दुर्घटनाएं बढीं।

हमें काम और प्रौद्योगिकी के भविष्य के बारे में इस पीड़ादायी स्थिति से बहुत कुछ सीखना है। एक तरफ तो अमेज़न का संपूर्ण रोजगार मॉडल इस सामान्य अवधारणा के खिलाफ जाता है कि प्रौद्योगिकी नौकरियों को खत्म करती है। साथ ही कंपनी की कामकाजी कार्यप्रणाली दिखाती है कि कैसे मशीनी परिचालन कार्य स्थलों को कठोर बना सकती है और कर्मचारियों को रोबोट की तरह काम करने के लिए मजबूर कर सकती है।

प्रौद्योगिकी के कारण नौकरियां जाने के खतरे को लेकर निराशावादी भविष्यवाणियां कोई नई बात नहीं हैं। कई बार 2013 में प्रकाशित अध्ययन का हवाला दिया जाता है जिसमें भविष्यवाणी की गई थी कि अगले 20 साल में मशीनी परिचालन के कारण अमेरिका में 47 फीसदी नौकरियां कम हो जाएंगी। इस भविष्यवाणी का आधा वक्त पूरा हो गया है और अमेरिका में पर्याप्त संख्या में नौकरियां हैं तथा बेरोज़गारी दर कम है। इसी तरह से जर्मनी से इस बात के सबूत भी मिले हैं कि रोबोट के इस्तेमाल से नौकरियों पर कोई असर नहीं पड़ता है।

जी-7 देशों में नौकारियों की स्थिति सही है। कोविड-19 के कारण उपजी स्थित को छोड़ दें तो कार्यस्थलों पर मशीनी परिचालन और रोबोट का इस्तेमाल धीरे-धीरे अहम होने के बावजूद पिछले एक दशक से बेरोजगारी आम तौर पर गिर रही है।

जी-7 बेरोज़गारी दर 2005-21 : अमेज़न के उदाहरण से पता चलता है, प्रौद्योगिकी से अधिक खतरा नौकरियों की गुणवत्ता को लेकर है। इस खतरे को देखते हुए हमें कार्य स्थलों पर अभी और भविष्य में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल और इसे लागू करने के तरीकों के बारे में विचार-विमर्श करने की चिंता करनी चाहिए।

मशीनी परिचालन की पुन:कल्पना करना :  हाल में एक दस्तावेज में मैंने समाज के लिए मशीनी परिचालन के लक्ष्य से जड़े कुछ बुनियादी सिद्धांतों को रखा है।

पहली बात तो यह है कि मशीनी परिचालन को सार्थक कार्य बढ़ाने में मदद करनी चाहिए। काम के भविष्य और नौकरियों के जाने की आशंका को लेकर चर्चा पर अक्सर शुरुआती तर्क यह होता है कि कर्मचारियों के मेहनताने की जगह सार्वभौमिक बुनियादी आय होनी चाहिए। लेकिन यह नौकरी को सिर्फ मददगार के रूप में देखता है जो केवल आय अर्जित करने के लिए है। नौकरी में यह भी देखा जाता है कि हम कौन हैं और क्या बनना है।

जब आप नौकरी करने के इन फायदों को पहचान लेते हैं तो प्रौद्योगिकी को ऐसी चीज़ के तौर पर देखते हैं जो नौकरियां खत्म नहीं करेगी बल्कि यह काम को बेहतर करेगी।

दूसरी बात यह है कि मशीनी परिचालन से यह संभव होना चाहिए कि लोग अधिक समय काम से दूर रहें। यह इस विचार के विपरीत नहीं है कि काम हमारी भलाई के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह बताता है कि नौकरी और उसके बाहर भी जिंदगी जी जाती है जहां विभिन्न गतिविधियां होती हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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