विपक्षी दलों के नेताओं ने केंद्रीय एजेंसियों के “दुरुपयोग” का आरोप लगाया

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव सहित नौ विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक संयुक्त पत्र लिखकर विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के “जबरदस्त दुरुपयोग” का आरोप लगाया है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनकी पश्चिम बंगाल की समकक्ष ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, तेजस्वी यादव (राजद), शरद पवार (राकांपा), फारूक अब्दुल्ला (जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस), उद्धव ठाकरे (शिवसेना) शामिल हैं।

हमें उम्मीद है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि भारत अभी भी एक लोकतांत्रिक देश है। विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के घोर दुरुपयोग से लगता है कि हम लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो गए हैं।

विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, “लंबे समय तक विच-हंट के बाद, मनीष सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बिना किसी सबूत के कथित अनियमितता के सिलसिले में गिरफ्तार किया।”

पत्र में कहा गया है कि 2014 के बाद से आपके प्रशासन के तहत जांच एजेंसियों द्वारा बुक किए गए, गिरफ्तार किए गए, छापे मारे गए या पूछताछ की गई प्रमुख राजनेताओं की कुल संख्या में से, अधिकतम विपक्ष के हैं। दिलचस्प बात यह है कि जांच एजेंसियां ​​भाजपा में शामिल होने वाले विपक्षी राजनेताओं के खिलाफ मामलों में धीमी गति से चलती हैं।

https://en.wikipedia.org/wiki/Arvind_Kejriwal#/media/File:Arvind_Kejriwal_in_Punjab.png

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