विपक्ष ने उत्तराखंड सरकार पर चार धाम यात्रा में कुप्रबंधन का आरोप लगाया

देहरादून, विपक्षी दल कांग्रेस ने चार धाम यात्रा के आयोजन में कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए बुधवार को उत्तराखंड सरकार की आलोचना की और कहा कि इसके चलते हिमालयी मंदिरों के रास्ते में सैकड़ों तीर्थयात्रियों, घोड़ों और खच्चरों की मौत हुई है।

राज्य विधानसभा में इस विषय पर चर्चा की शुरुआत करते हुए विपक्ष के नेता यशपाल आर्य ने कहा कि तीर्थयात्रियों की अभूतपूर्व भीड़ जुटने की संभावना के बावजूद तीर्थयात्रियों के लिए आश्रय की कोई व्यवस्था नहीं थी और सड़कों की स्थिति खराब रही और रास्ते में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं थे।

कोरोना वायरस महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद यात्रा पूर्ण पैमाने पर आयोजित की जा रही है।

आर्य ने कहा, ‘‘यात्रा शुरू होने के 40-42 दिनों के भीतर 20 लाख तीर्थयात्री मंदिरों के दर्शन कर चुके हैं। हालांकि, विभिन्न कारणों से 152 तीर्थयात्रियों के अलावा सैकड़ों घोड़ों और खच्चरों की मौत हो गई है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार को खुद से पूछना चाहिए कि क्या इसकी व्यवस्था तीर्थयात्रियों की अपेक्षित भीड़ के अनुरूप थी।

आर्य ने आरोप लगाया कि अत्याधिक बोझ के कारण भारी संख्या में घोड़ों और खच्चरों की मौत हो गई और उनके शव नदियों में फेंक दिए गए।

विपक्षी विधायकों ने विधानसभा से अनुपस्थित रहने के लिए पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की आलोचना भी की।

खटीमा से विधायक भुवन चंद्र कापड़ी ने कहा कि अगर तीर्थयात्रियों को रुद्रप्रयाग जिले की सीमाओं पर रोकने के बजाय गौरीकुंड जाने की अनुमति दी जाती तो केदारनाथ में इतनी अराजकता और भ्रम की स्थिति पैदा नहीं होती।

उन्होंने कहा कि जिन तीर्थयात्रियों ने गौरीकुंड के लिए बुकिंग की थी, उन्हें रुद्रप्रयाग सीमा पर रोक दिया गया, जहां उनके लिए कोई आश्रय नहीं था।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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