वैश्विक महामारी से निपटने के लिये अंतरराष्ट्रीय समन्वय नहीं होने पर विश्व के नेताओं ने चिंता जताई

संयुक्त राष्ट्र : विश्व के नेताओं ने दुनिया भर में करीब 10 लाख लोगों की जान ले चुकी और आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह प्रभावित करने वाली कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने में अंतरराष्ट्रीय समन्वय नहीं होने पर चिंता जताई है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली उच्चस्तरीय डिजिटल बैठक में विश्व के नेताओं के पहले से रिकॉर्ड भाषणों में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी और उसके परिणामों पर बुधवार को चिंता जताई गई।

कजाखस्तान के राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट टोकायेव ने इसे ‘‘वैश्विक सहयोग का बुरी तरह ध्वस्त हो जाना’’ करार दिया और घाना के राष्ट्रपति नाना अकुफो अडो ने कहा, ‘‘हमारी दुनिया ही पलट गई है।’’

संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में विभिन्न सदस्य देशों ने अंतरराष्ट्रीय समन्वय के अभाव के कारण इस महामारी से निपटने में पेश आ रही चुनौतियों एवं संघर्षों का उल्लेख किया।

फिनलैंड के राष्ट्रपति साउली निनिस्तो ने कहा, ‘‘वैश्विक महामारी एक वैश्विक चुनौती होती है और इससे निपटने के लिए वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है, लेकिन कोविड-19 ने यह खुलासा कर दिया है कि हम इन खतरों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर ही काम करना चाहते हैं।’’

कजाखस्तान के राष्ट्रपति ने 1972 जैविक हथियार सम्मेलन पर आधारित जैविक सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रति जवाबदेह होगी।

कई नेताओं ने कोविड-19 का टीका विकसित होने पर उसे समान रूप से वितरित किए जाने की भी अपील की।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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