शी, बाइडन पहले वैयक्तिक शिखर सम्मेलन की तैयारी करने पर सहमत

बीजिंग/वाशिंगटन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उनके अमेरिकी समकक्ष जो बाइडन की नवंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन में अपनी पहली आमने सामने की व्यक्तिगत बैठक करने की योजना है। अमेरिकी अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की प्रस्तावित ताइवान यात्रा को लेकर चीन कड़ी आपत्ति जता चुका है।

पेलोसी अगर ताइवान की यात्रा करती हैं तो यह हाल के वर्षों में किसी शीर्ष अमेरिकी नेता की वहां की पहली यात्रा होगी। पेलोसी के प्रस्तावित दौरे को लेकर चीन की नाराजगी का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि बृहस्पतिवार को बाइडन के साथ फोन पर दो घंटे से ज्यादा समय तक चली बातचीत में शी ने कहा कि चीन ताइवान की स्वतंत्रता को लेकर अलगाववादी कदमों का दृढ़ता से विरोध करता है और आग से खेलने वाले लोग स्वयं जलकर खाक हो जाएंगे।

ताइवान स्वशासित द्वीप है जिसे चीन अपना हिस्सा मानता है और बार-बार उसे मुख्यभूमि में मिलाने का संकल्प व्यक्त करता रहा है।

सीएनएन ने बातचीत के बाद अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा कि दोनों नेताओं ने आमने-सामने के उनके पहले शिखर सम्मेलन के लिए इंतजाम शुरू करने के वास्ते सहमति व्यक्त की। शी ने कोविड​​-19 महामारी के बीच यात्रा से परहेज किया था।

चीनी विदेश मंत्रालय ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या शी और बाइडन की 15-16 नवंबर को बाली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मिलने की योजना है।

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने मंगलवार को बीजिंग की अपनी यात्रा के दौरान औपचारिक रूप से शी को जी-20 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि चीनी नेता व्यक्तिगत रूप से इसमें भाग लेंगे या नहीं।

शी (68) ने 2019 के अंत से देश के बाहर यात्रा नहीं की है।

उन्होंने ब्रिटिश शासन द्वारा हांगकांग को चीन को सौंपने की 25वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लेने के लिए एक जुलाई को हांगकांग का दौरा किया।

पर्यवेक्षकों का कहना है कि वह बाली शिखर सम्मेलन में भाग ले सकते हैं क्योंकि उस समय तक उन्हें सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) द्वारा पांच साल के दुर्लभ तीसरे कार्यकाल के लिए समर्थन दे दिया गया होगा, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के शीर्ष नेता के रूप में उनके अधिकार को और मजबूत करेगा।

सीपीसी के संस्थापक माओ त्से तुंग को छोड़कर शी के सभी पूर्ववर्ती पांच साल के दो कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त हो गए थे।

शी और बाइडन ने अपनी टेलीफोनिक वार्ता के दौरान आर्थिक और भू राजनीतिक तनाव के बीच अपने जटिल रिश्तों के भविष्य पर चर्चा की और इसमें ताइवान का मुद्दा भी उठा।

पेलोसी की ताइवान का दौरा करने की धमकी विवाद का एक गंभीर मुद्दा है तथा अमेरिकी अधिकारियों को डर है कि स्व-शासन पर चीन के एक और आसन्न कदम से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है।

चीनी पर्यवेक्षकों का कहना है कि अगर पेलोसी यात्रा को लेकर आगे बढ़ती हैं तो यह शी की लोकप्रियता और घरेलू मोर्चे पर उनके अधिकार को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

शी ने बाइडन को पांचवें दौर की डिजिटल वार्ता के दौरान बृहस्पतिवार को बताया, “चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना 1.4 अरब से अधिक चीनी लोगों की दृढ़ इच्छा है। आग से खेलने वाले लोग स्वयं जलकर खाक हो जाएंगे। उम्मीद है कि अमेरिका इस पर अपनी नजर खुली रखेगा। अमेरिका को एक चीन सिद्धांत का पालन करना चाहिए…।”

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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