श्रीलंकाई अदालत ने 2019 के ईस्टर धमाकों के सिलसिले में बंद मानवाधिकार वकील को जमानत दी

कोलंबो,श्रीलंका की एक अदालत ने सोमवार को प्रतिष्ठित मानवाधिकार वकील एवं कार्यकर्ता हिजाज़ हिज्बुल्ला को जमानत दे दी, जिन्हें 2019 के ईस्टर हमलों के संदिग्ध संबंध के लिए एक कठोर कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। इन धमाकों में 11 भारतीयों सहित 270 लोग मारे गए थे।

आईएसआईएस से संबद्ध स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात से जुड़े नौ आत्मघाती हमलावरों ने सिलसिलेवार धमाकों को अंजाम दिया जिसमें तीन कैथोलिक चर्च और श्रीलंका में कई लग्जरी होटलों को निशाना बनाया गया था।

हिज्बुल्ला को श्रीलंकाई सुरक्षा बलों ने 14 अप्रैल, 2020 को आतंकवाद निरोधक अधिनियम (पीटीए) के तहत ईस्टर आत्मघाती बम विस्फोटों में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था। उन्हें बिना किसी आरोप के गिरफ्तार किया गया था।

उत्तर पश्चिमी शहर पुट्टलम की एक अदालत द्वारा उन्हें जमानत देने से इनकार करने के बाद यहां अपीली अदालत ने उनकी अपील को बरकरार रखा।

हिज्बुल्ला के परिवार ने कहा कि हिरासत के दौरान उन्हें अपने परिवार या वकीलों से मिलने से वंचित कर दिया गया था।

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि जमानत आदेश महत्वपूर्ण है क्योंकि श्रीलंकाई अधिकारी मंगलवार को मानवाधिकार पर यूरोपीय संघ की उप समिति से मिलने वाले हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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