श्रीलंका के नेतागण 21वां संविधान संशोधन जल्द पारित करने पर सहमत, अंतिम बैठक 3 जून को

कोलंबो, श्रीलंका के राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ बैठक कर प्रमुख संवैधानिक संशोधनों के बारे में चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि राष्ट्रपति की व्यापक शक्तियों पर अंकुश लगाने के प्रावधान वाले संविधान के 21वें संशोधन को जल्द से जल्द पारित किया जाए।

संविधान के 21वें संशोधन से प्रावधान 20ए के रद्द हो जाने की उम्मीद है जिससे राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को असीमित अधिकार मिल गए थे।

प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने 21वें संशोधन के मसौदे पर चर्चा के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की। शुक्रवार को संपन्न इस बैठक का उद्देश्य विभिन्न दलों के नेताओं को मसौदे के संबंध में अपने विचार पेश करना था।

बैठक के बाद विक्रमसिंघे ने ट्वीट किया, “उन्हें इस बात की खुशी है कि 21वां संविधान संशोधन पारित करने की आवश्यकता के संबंध में आम सहमति बनी।” उन्होंने कहा कि तमिल नेशनल अलायंस के आज की बैठक में शामिल नहीं हो पाने के कारण तीन जून को अंतिम बैठक तय की गई है।

इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, “यह आम सहमति बनी कि संविधान के 21वें संशोधन को जल्द से जल्द पारित किया जाना चाहिए।”

बयान के अनुसार विचार विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि चूंकि तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) शुक्रवार की बैठक में शामिल नहीं हो सकी, इसलिए अगले शुक्रवार को टीएनए की उपस्थिति के साथ अंतिम बैठक होगी ताकि मसौदे को अंतिम रूप दिया जा सके।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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