घोर आर्थिक संकट के बीच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का इस्तीफा; श्रीलंका में कर्फ्यू लगाया गया

कोलंबो, श्रीलंका में घोर आर्थिक संकट के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

इस घटनाक्रम से कुछ घंटे पहले महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना के जवानों को तैनात किया गया।

इस हमले में कम से कम 174 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगा दिया है।

देश में सरकार समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़प में राजपक्षे बंधुओं की सत्तारूढ़ पार्टी के एक सांसद और दो अन्य लोगों की मौत हो गई।

महिंदा राजपक्षे (76) ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को अपना इस्तीफा पत्र भेजा।

महिंदा ने ट्वीट किया, ‘‘मैंने तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।’’

प्रधानमंत्री महिंदा ने अपने त्याग पत्र में कहा कि वह सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए पद छोड़ रहे हैं। उन्होंने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा, ‘‘मैं (आपको) सूचित करना चाहता हूं कि मैंने तत्काल प्रभाव से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। यह छह मई को हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में आपके अनुरोध के अनुरूप है, जिसमें आपने कहा था कि आप एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनाना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा कि वह जनता के लिए ‘‘कोई भी बलिदान’’ देने को तैयार हैं।

प्रधानमंत्री के इस्तीफे के साथ ही कैबिनेट भी भंग कर दी गई।

महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार पर देश में जारी घोर आर्थिक संकट से निपटने के लिए अंतरिम प्रशासन बनाने का दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन किये जा रहे थे।

एक पुलिस प्रवक्ता के हवाले से स्थानीय मीडिया ने अपनी खबर में कहा कि अगले नोटिस तक तत्काल प्रभाव से पूरे श्रीलंका में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने में सहायता के लिए सैन्य दल को विरोध स्थल पर तैनात किया गया है।

रक्षा सचिव ने देश में शांति बनाए रखने के लिए जनता से समर्थन दिये जाने आग्रह किया है, जबकि जन सुरक्षा के लिए पुलिस की सहायता के लिए तीन सशस्त्र बलों को बुलाया गया है। सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टी अगले आदेश तक रद्द कर दी गई है।

प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमला किए जाने के बाद पूरे देश में हिंसा भड़क गई है। लोगों ने राजधानी से लौट रहे राजपक्षे समर्थकों पर गुस्सा उतारा। उन्होंने उनके वाहनों को रोक लिया और कई शहरों में उन पर हमला किया।

पुलिस ने बताया कि पोलोन्नारुआ जिले से श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) के सांसद अमरकीर्ति अतुकोराला (57) को सरकार विरोधी समूह ने पश्चिमी शहर नित्तम्बुआ में घेर लिया था।

पुलिस ने बताया कि सांसद की कार से गोली चली थी और जब आक्रोशित भीड़ ने उन्हें कार से उतारा तो उन्होंने भागकर एक इमारत में शरण ली। पुलिस ने बताया कि बाद में सांसद और उनका निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) मृत पाये गये।

आक्रोशित भीड़ ने पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो के कुरुनेगाला और कोलंबों स्थित कार्यालयों पर हमला किया है। उनके बार में भी आग लगाये जाने की खबर है।

पूर्व मंत्री नीमल लांजा के आवास पर भी हमला किया गया है जबकि महापौर समन लाल फर्नांडो के आवास में आग लगा दी गई।

सत्तारूढ़ पार्टी के मजदूर नेता महिंदा कहानदागमागे के कोलंबो स्थित आवास पर भी हमला हुआ है।

वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है।

नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।

इससे पहले राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को जनता से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक संकट के आर्थिक समाधान की जरूरत है जिसके लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है।

राष्ट्रपति ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैं आम जनता से संयम बरतने और यह याद रखने की अपील करता हूं कि हिंसा से केवल हिंसा फैलेगी। आर्थिक संकट में हमें आर्थिक समाधान की जरूरत है जिसे यह प्रशासन हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

महिंदा राजपक्षे ने लोगों से संयम बरतने का भी आग्रह किया।

ऑनलाइन समाचार पोर्टल ‘डेली मिरर’ की खबर के अनुसार प्रधानमंत्री के समर्थकों ने उनके आधिकारिक आवास ‘टेंपल ट्रीज’ के पास प्रदर्शनस्थल ‘मैनागोगामा’ के बाहर मौजूद प्रदर्शनकारियों पर हमला कर दिया। इसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गये।

‘हीरू न्यूज’ वेबसाइट के अनुसार पुलिस ने श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। वहीं अग्रणी समाचार नेटवर्क ‘लंका फर्स्ट’ के अनुसार, भीड़ ने ‘टेंपल ट्रीज’ के सामने मौजूद तंबुओं को उखाड़ दिया।

विपक्षी दल समागी जन बालवेगया के नेता साजिथ प्रेमदासा ने स्थिति का आकलन करने के लिए विरोध स्थल का दौरा किया।

विपक्षी सूत्रों ने कहा कि प्रेमदासा और उनके सहयोगियों पर भी एक समूह ने हमला किया क्योंकि वह राष्ट्रपति सचिवालय के विरोध स्थल पर पहुंचे थे।

विपक्ष ने महिंदा राजपक्षे पर अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप लगाया।

समाचार पत्र ‘कोलंबो पेज’ की खबर के अनुसार प्रधानमंत्री के सैकड़ों समर्थकों को बसों में लाया गया, जबकि कुछ अन्य लोगों ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे के आह्वान के खिलाफ ‘टेंपल ट्रीज’ तक मार्च किया।

पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने प्रदर्शनकारियों पर हमले की निंदा की।

इस बीच हिंसा की स्थिति के मद्देनजर श्रीलंकाई एयरलाइंस ने सोमवार को यात्रियों से अनुरोध किया कि वे भंडारनाइके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा (बीआईए) पहुंचने के लिये जांच चौकियों पर अपनी हवाई टिकट और पासपोर्ट दिखायें।

श्रीलंकाई एयरलाइंस ने यात्रियों, विशेषकर विदेशी यात्रियों को आश्वस्त करते हुए ट्वीट किया, “श्रीलंका में मौजूदा हालात देखते हुए कोलंबो से रवाना हो रहे यात्री बीआईए पहुंचने के लिये जांच चौकियों पर सुरक्षाकर्मियों को अपने हवाई टिकट और पासपोर्ट दिखा सकते हैं।”

गौरतलब है कि शुक्रवार को एक विशेष कैबिनेट बैठक में राष्ट्रपति राजपक्षे ने शुक्रवार मध्य रात्रि से आपातकाल की घोषणा कर दी थी। यह दूसरी बार है जब श्रीलंका में लगभग एक महीने की अवधि में आपातकाल घोषित किया गया।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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