संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यमन में संघर्ष विराम का आह्वान किया

संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यमन में संघर्ष रोकने का आह्वान करते हुए कहा है कि टिकाऊ संघर्ष विराम और राजनीतिक वार्ता से ही अरब जगत के इस सबसे गरीब मुल्क में छह साल से चल रही जंग खत्म हो पाएगी।

अशांति-अस्थिरता का माहौल खत्म करने का आह्वान करते हुए सुरक्षा परिषद ने बुधवार को संकेत दिया कि यमन के तेल से संपन्न मारिब प्रांत में ईरान समर्थित शिया हूती विद्रोही भड़कावे की कार्रवाई कर रहे हैं।

हमलों के कारण 2015 से करीब 10 लाख लोगों को दूसरी जगह विस्थापित होना पड़ा है।

परिषद के बयान जारी करने के पहले संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत मार्टिन ग्रिफिट्स ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि साल भर से ज्यादा समय से हूती विद्रोहियों के हमले के कारण बच्चों समेत कई अनमोल जिंदगी का नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा कि मारिब प्रांत में विस्थापित हुए लोग डर के साए में जी रहे हैं और लगातार हमले से शांति प्रयासों में बाधा पैदा हो रही है।

ग्रिफिट्स ने कहा कि मारिब में हमले से ऐसा लग सकता है कि सैन्य हस्तक्षेप के जरिए युद्ध जीत सकते हैं लेकिन इससे हिंसा और अशांति का कुचक्र शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अलग-अलग राजनीतिक शक्तियों और घटकों की समग्र भागीदारी से यमन पर प्रभावी शासन हो सकता है।

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सेवा के प्रमुख मार्क लॉवकुक ने सुरक्षा परिषद को बताया कि मारिब में छिड़ी जंग के कारण 25,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है। अगर लड़ाई नहीं रूकी तो आगामी महीने में 385,000 लोग विस्थापित हो सकते हैं।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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