संवेदनहीन सरकारों ने विस्थापितों की बातों को कभी गंभीरता से नहीं लिया : योगी

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित 63 हिंदू बंगाली परिवारों के पुनर्वास के लिए कृषि व आवासीय भूमि का पट्टा और स्वीकृति पत्र वितरित किया और कहा कि 38 वर्षों का आपका इंतजार आज खत्म हुआ।

योगी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले ये सरकारों के पास हमेशा जाते थे, लेकिन संवेदनहीन सरकारें कभी इनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेती थीं।

मंगलवार को यहां लोकभवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार के दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक तथा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की उपस्थिति में वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से विस्थापित 63 हिंदू बंगाली परिवारों के पुनर्वास के लिए कृषि भूमि का पट्टा और स्वीकृति पत्र वितरित किया।

इस मौके पर अपने संबोधन में योगी ने कहा कि 38 वर्षों से आपकी जो प्रतीक्षा थी वह आज दूर हुई और इन सभी 63 परिवारों को आज प्रदेश सरकार द्वारा कानपुर देहात जिले के रसूलाबाद में प्रत्येक परिवार को दो-दो एकड़ कृषि भूमि, दो सौ वर्ग मीटर के आवास का पट्टा और मुख्यमंत्री आवास योजना में एक-एक आवास व शौचालय की स्वीकृति प्रदान करते हुए उन्हें प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है।

उन्होंने कहा कि 1970 में ये सभी परिवार आज के बांग्लादेश और उस समय के पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आए थे। हस्तिनापुर में एक सूत मिल में इन्हें नौकरी दी गई और ये लगभग 407 परिवार थे।

विस्थापितों की जिंदगी की चर्चा करते हुए योगी ने कहा कि 1984 में सूत मिल बंद हो गई और इसके बाद कुछ परिवारों का पुनर्वास अलग-अलग जगहों पर देश में हुआ, लेकिन 65 परिवार ऐसे थे जो 1984 से लेकर अब तक अपने पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे थे। प्रतीक्षा कर रहे परिवारों में बहुत से लोग दिवंगत हो गये और दो परिवार पूरी तरह समाप्त हो गए।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://www.flickr.com/photos/152975694@N02/36357046136

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