सत्यजीत रे जयंती शताब्दी वर्ष :फिल्म पर उनके नोट्स महज एक क्लिक की दूरी पर

कोलकाता, ऑस्कर पुरस्कार विजेता, महान दिवंगत फिल्मकार सत्यजीत रे की सर्वकालिक संगीत मय बाल फिल्म ‘गोपी गायन बाघा बायन’ के दृश्यों, कड़ियों और विशेष प्रभाव पर उनकी टिप्पणी अब कंप्यूटर के महज एक क्लिक की दूरी पर मौजूद है। दरअसल रे की जयंती के शताब्दी वर्ष पर लाखों-करोड़ों प्रशंसकों के लिए वेबसाइट एक्सप्लोररे डॉट ओआरजी ने उनके नोट्स को अपलोड किया है।

यह पहल सेंटर फॉर न्यू मीडिया और फिल्मकार मृणाल सेन के बेटे कुणाल सेन की ओर से रे के निर्देशक बेटे संदीप रे और फिल्मा निर्माता पियाली फिल्म्स के सहयोग से की गई है। वेबसाइट ने, रे की नोटबुक्स को अपलोड किया है जिसे वह 1969 में बनी फिल्म के लिए अपना ‘ खेरोर खाता’ कहते थे।

अमेरिका के इलिनॉयस में सॉफ्टवेयर कंपनी चला रहे सेन ने कहा, ‘‘वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अनगिनत बैठकों और ई-मेल के आदान प्रदान के बाद अंतत: बेवसाइट बनकर तैयार हो गई है।

‘खेरोर खाता’ पांरपरिक रूप से लाल कपड़े में लिपटा बहीखाता है जिसमें रे अपनी फिल्मों और उससे जुड़ी अन्य बातों को दर्ज करते थे। ‘ खेरोर खाता’ में रे ने सावधानीपूर्ण तरीके से संपूर्ण फिल्म को शब्दों, मुहावरों, वाक्यों, स्केच, संगीत नोट्स, पटकथा के रूप में दर्ज किया है जो पूरी फिल्म की निर्देशिका के तौर पर काम करता था, फिल्म निर्माण के बाद यह उसे संपादित करने, पृष्ठभूमि में संगीत देने और विशेष प्रभाव देने में भी मदद करता था।

सेन ने कहा कि तकनीकी रूप से इसे मूर्त रूप देने से होने वाली खुशी के साथ-साथ यह मेरे लिए निजी रूप से भी जुड़ा है। मैं और संदीप सहपाठी हैं लेकिन हमने कभी साथ काम नहीं किया था। मुझे याद है 50 साल पहले फिल्म के रिलीज को लेकर कितना उत्साह था, तब कलकत्ता का फिल्म उद्योग सबसे बड़े राजनीतिक टकराव के दौर से गुजर रहा था।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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