सिनेमा टिकटों की ऑनलाइन बिक्री को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है : आंध्र प्रदेश सरकार

अमरावती, आंध्र प्रदेश की वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी सरकार ने सिनेमा टिकट ऑनलाइन बेचने के अपने कदम को लेकर अलग-अलग वर्गों की ओर से कड़ी आलोचना का सामना करने के बाद मंगलवार को कहा कि यह प्रस्ताव फिल्म उद्योग द्वारा ही रखा गया था।

सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पर्नी वेंकटरमैया (नानी) ने कहा कि सरकार अभी प्रस्ताव का ‘केवल अध्ययन’ कर रही है और फिल्म निर्माताओं, वितरकों, प्रदर्शकों व अभिनेताओं जैसे हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद ही अंतिम निर्णय लेगी।

मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘ऑनलाइन टिकट बिक्री से दर्शकों और सरकार दोनों को फायदा होगा। सिनेमा देखने वालों को काला बाजारी में टिकट नहीं खरीदना पड़ेगा और सरकार को राजस्व का नुकसान नहीं होगा।’

नानी ने बताया कि सरकार ने 2019-20 में सिनेमाघरों से 40 करोड़ रुपये का कर राजस्व अर्जित किया।

चलचित्र (सिनेमैटोग्राफी) मंत्री नानी ने कहा, ‘जनवरी 2020 में, दो तेलुगु फिल्म ब्लॉकबस्टर रहीं, जिन्होंने आंध्र प्रदेश के 13 जिलों में 170 करोड़ रुपये की कमाई की। उन दो फिल्मों को अकेले 25 करोड़ रुपये का कर देना चाहिए था, लेकिन सरकार को पूरे साल में सभी फिल्मों से क्या मिला, केवल 40 करोड़ रुपये ।’

आंध्र प्रदेश में लगभग 1,100 सिनेमा घर हैं, जिनमें से प्रत्येक में बैठने की औसत क्षमता 300 है।

मंत्री ने कहा, ‘फिल्म उद्योग के कुछ बड़े लोगों ने कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री को एक प्रतिवेदन दिया था कि सिनेमा टिकट ऑनलाइन बेचे जाएं। तदनुसार, हमने प्रस्ताव का अध्ययन करने के लिए एक समिति गठित की है। हम निर्णय लेने से पहले जल्द ही सभी हितधारकों से बात करेंगे।’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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