सीएए तो एक शुरुआत है, भाजपा के अगले निशाने पर ‘अलग अलग भाषा बोलने’’ वाले लोग होंगे: स्टालिन

चेन्नई, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने रविवार को कहा कि उनका मानना है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम केवल एक शुरूआत है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भविष्य में ‘‘प्रत्येक राज्य में अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले’’ लोगों को निशाना बनाने के लिए कानून लाएगी।

वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के ‘इंडिया शाइनिंग’ अभियान का उल्लेख करते हुए स्टालिन ने कहा कि उस समय के सर्वेक्षणों में भी भाजपा के पक्ष में लहर का अनुमान जताया गया था।  चेन्नई के अंग्रेजी दैनिक ‘डीटी नेक्स्ट’ (17 मार्च) के साथ एक साक्षात्कार में जब मुख्यमंत्री स्टालिन से हिंदी पट्टी में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की चुनावी संभावनाओं के बारे में पूछा गया, तो इस पर उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, चुनाव नतीजे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के पक्ष में रहे और अगले 10 साल तक उसकी सरकार रही। 2024 के चुनाव के नतीजे 2004 को दोहराएंगे। इतिहास खुद को दोहराएगा।’’

केंद्र द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत नियमों को अधिसूचित किये जाने के बारे में पूछे जाने पर स्टालिन ने कहा कि सीएए भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का एक हिस्सा है और यह अभी केवल अल्पसंख्यकों के खिलाफ प्रतीत हो सकता है, “लेकिन भविष्य में, भाजपा प्रत्येक राज्य में अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोगों को निशाना बनाते हुए नए कानून लाएगी। सीएए केवल इसकी शुरुआत है।”

 यह पूछे जाने पर कि क्या द्रमुक ने चुनावी बॉण्ड के मुद्दे पर अपना लाभ गंवा दिया है, क्योंकि पार्टी भी अब समाप्त हो चुकी योजना के लाभार्थियों में से एक है और भाजपा “आलोचना से ध्यान हटाने” के लिए इसका हवाला दे रही है, तो स्टालिन ने कहा, ‘‘द्रमुक और अन्य पार्टियों पर आरोप लगा रही भाजपा की साख और उसने चुनावी धन जुटाने के लिए किस पर दबाव डाला, इसकी जांच करने की जरूरत है। भाजपा रंगे हाथों पकड़ी गई है।”  द्रमुक अपने पहले चुनाव (1957) का सामना करने के समय से ही चुनावी धन जुटा रही है। 1967 के चुनाव के दौरान द्रमुक के संस्थापक सी एन अन्नादुरई ने 10 लाख रुपये का लक्ष्य रखा था।

 स्टालिन ने कहा, “कलैगनर (दिवंगत द्रमुक संरक्षक एम करुणानिधि) ने तब 11 लाख रुपये एकत्र किए थे। द्रमुक के लिए धन इकट्ठा करना और इस तरह के एकत्रित धन का उचित ऑडिट करना सामान्य बात है। हमने उसी पारदर्शी तरीके से चुनावी बॉण्ड के माध्यम से धन एकत्र किया है।”

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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