सुनवाई के दूसरी दिन सू ची का राजद्रोह के आरोपों से सामना

बैंकॉक, म्यांमा की अपदस्थ नेता आंग सान सू ची के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही और अभियोजन ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि उन्होंने सार्वजनिक अव्यवस्था पैदा की और कोरोना वायरस को लेकर लगाई गई पाबंदियों का उल्लंघन किया। ये आरोप कुछ उन आरोपों में शामिल है जिनका इस्तेमाल सत्तारूढ़ जुंटा उन्हें बदनाम करने और अपने नियंत्रण को और पुख्ता करने के लिये करना चाहती है।

सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट के बाद सू ची और उनकी सरकार तथा पार्टी के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था और उनमें से कुछ शीर्ष हस्तियों के खिलाफ आपराधिक आरोप लगाए गए थे जिनमें से अधिकतर को उनके समर्थकों व स्वतंत्र पर्यवेक्षकों ने फर्जी करार दिया था।

दशकों के सैन्य शासन के बाद हुए लोकतांत्रिक सुधारों को इस तख्तापलट ने बदल दिया और इसे लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा भी हुई।

सू ची और उनकी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी को पिछले साल नवंबर में हुए आम चुनावों में मिली एकतरफा जीत के बाद पांच साल के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत करनी थी।

अपनी गिरफ्तारी के बाद से सू ची सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आई हैं और उनके वकीलों ने कहा कि उन्हें अभी कहां रखा गया है, इसकी जानकारी नहीं है। उन्हें अपनी कानूनी टीम से मिलने के लिये भी सीमित समय दिया जाता है।

मंगलवार के सत्र में सू ची के खिलाफ लगाए गए देशद्रोह के आरोपों के साथ ही कोविड-19 पाबंदियों के उल्लंघन का मामला भी शामिल था।

राजद्रोह के आरोप या जिसे कई बार उकसावे के तौर पर भी देखा जाता है, के तहत किसी भी व्यक्ति को दो साल कैद की सजा हो सकती है अगर उसे डर या अफरा-तफरी पैदा करने का दोषी पाया जाता है जो राज्य या सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध का कारण बने।

यह तबसे अपराध है जब म्यांमा ब्रिटिश उपनिवेश था और अभिव्यक्ति की आजादी के उल्लंघन के लिये इसकी आलोचना होती रही है जबकि इसका इस्तेमाल राजनीतिक रूप से दबाव बनाने के लिये किया जाता रहा है।

मुकदमे की सुनवाई में मीडिया या आम लोगों को शामिल होने की इजाजत नहीं है। सोमवार को सुनवाई के दौरान पुलिस ने उनके खिलाफ कई आरोपों को रेखांकित किया था। सू ची पर आरोप है कि उन्होंने अपने अंग रक्षकों के इस्तेमाल के लिए गैर कानूनी तरीके से वॉकी टॉकी आयात किए, बिना लाइसेंस के रेडियो इस्तेमाल किया, ऐसी सूचना का प्रसार किया जिससे अशांति फैला सकती थी और 2020 में चुनाव प्रचार के दौरान प्राकृतिक आपदा प्रबंधन कानून का उल्लंघन किया है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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