सुनिश्चित करें कि पेयजल संकट न हो : गहलोत ने अधिकारियों को दिये निर्देश

जयपुर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को प्रदेश में स्थायी जल स्रोतों का विकास करने और भविष्य में पेयजल की समस्या नहीं हो, यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

गहलोत आज मुख्यमंत्री आवास पर ‘जल जीवन मिशन’ की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए अधिकारियों को वृहद् जल परियोजनाओं को शीघ्र पूरा कर पेयजल की सुलभ उपलब्धता और कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों और छितराई बसावट के बावजूद राज्य सरकार ‘जल जीवन मिशन’ के कार्यों को पूरा करने में कोई कमी नहीं रख रही है। उन्होंने कहा कि ‘हर घर जल’ महत्वाकांक्षी योजना है और राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता से पेयजल समस्या का समाधान करने के लिए काम कर रही है।

उन्होंने प्रदेश में अवैध कनेक्शन, बूस्टर के इस्तेमाल और लाइनों को क्षतिग्रस्त करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मिशन के तहत प्रतिदिन नल-जल कनेक्शन देने में राजस्थान देश में तीसरे स्थान पर है।

राज्य में फरवरी, 2023 में औसतन 7,142 कनेक्शन प्रतिदिन दिए गए तथा मार्च, 2023 में औसतन 8,000 कनेक्शन प्रतिदिन देने का लक्ष्य रखा गय है। विभाग द्वारा मई, 2022 की तुलना में फरवरी, 2023 में औसतन प्रतिदिन छह गुना अधिक कनेक्शन दिए गए हैं।

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार को पांच वृहद् परियोजनाओं की स्वीकृति के लिए पत्र भेजा गया है। इन योजनाओं को स्वीकृति मिलने तथा उनका कार्य पूरा होने से अलवर, भरतपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, धौलपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, उदयपुर, सीकर और झुंझुनू के 5,739 गांवों को पेयजल मिलेगा।

बैठक में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, जल जीवन मिशन के प्रबंध निदेशक अविचल चतुर्वेदी सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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