सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन की नियमित जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने सत्येन्द्र जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
सत्येन्द्र जैन ने सीबीआई की शिकायत के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच के तहत मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में अपील की है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 तक, सत्येन्द्र जैन ने अलग-अलग व्यक्तियों के नाम पर चल संपत्तियां हासिल कीं और वह इन अधिग्रहणों के लिए संतोषजनक विवरण प्रदान करने में असमर्थ रहे।