हमने जाधव मामले को दूसरे मामले से जोड़ने का प्रयास नहीं किया: पाकिस्तान

इस्लामाबाद, पाकिस्तान ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने कुलभूषण जाधव मामले को अन्य भारतीय कैदी के मामले से जोड़ने का प्रयास नहीं किया है।

पाक विदेश मंत्रालय का यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने नयी दिल्ली में मीडिया ब्रीफिंग में कहा था, ‘‘पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के मामले को एक अन्य कैदी के मामले से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। ’’ उनका कहना था कि पाकिस्तान इस मामले से जुड़े मूल मुद्दों पर कदम उठाने में विफल रहा है।

पाकिस्तानी मीडिया की खबरों में दावा किया गया था कि भारतीय उच्चायोग के वकील शाहनवाज नून ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को बताया है कि भारतीय उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया मृत्यु दंड का सामना कर रहे जाधव के लिए वकील की नियुक्ति को लेकर भारत के रूख को स्पष्ट करना चाहते हैं । उसके बाद भारत ने कहा था कि नून इस बारे में बोलने के लिए अधिकृत नहीं है और ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने पाकिस्तान के सत्ता प्रतिष्ठान के दबाव के तहत यह कदम उठाया।

दूसरे मामले की पृष्ठभूमि पेश करते हुए श्रीवास्तव ने कहा था कि भारतीय उच्चायोग ने नून को भारतीय कैदी मोहम्मद इस्माइल की रिहाई और वापसी से जुड़े मामले में अदालत में पेश होने के लिए चुना था। इस्माइल अपनी सजा पूरी कर चुके हैं लेकिन उन्हें पाकिस्तान में जेल में रखा गया है।

उन्होंने कहा था, ‘‘हालांकि इस्माइल के मामले की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने जाधव से जुड़ा मामला उठाया जबकि दोनों मामलों का आपस में कोई संबंध नहीं है । ’’

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘खबरों के मुताबिक नून ने जो बयान दिए वह सही नहीं हैं और यह मामले में हमारे रूख के विपरीत है । ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों के दबाव में इस तरह के बयान दिए जबकि वह इसके लिए अधिकृत नहीं है।’’

श्रीवास्तव ने कहा कि नून ने भारतीय उच्चायोग के रूख को गलत ढंग से पेश किया है और यह कि भारतीय उच्चायोग ने नून से साफ तौर पर कहा था कि वह भारत सरकार या जाधव की ओर से पेश होने के लिए अधिकृत नहीं है।

पाकिस्तान में भारतीय मिशन ने नून को लिखित में बताया कि वह जाधव का प्रतिनिधित्व करने का अधिकृत नहीं हैं और यह कहने का कोई अधिकार नहीं है कि प्रभारी उच्चायुक्त अहलूवालिया अदालत में पेश होंगे।

भारत के बयान पर यहां पाक विदेश मंत्रालय ने जाधव मामले में उसे ‘ गलत और गुमराह करने वाला बयान’ बताया।

उसने कहा कि सुनवाई के दौरान, भारत के रूख में विसंगति दर्शाने के लिए पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने इस्माइल के मामले का हवाला दिया जहां भारतीय उच्चायोग ने नून को अपने वकील के रूप में निर्देश दिया है।

उसने कहा कि जाधव मामले को दूसरे भारतीय कैदी के मामले से जोड़ने का कोई प्रयास नहीं किया गया क्योंकि दोनों पूरी तरह भिन्न रहे हैं और हैं।

भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनायी थी।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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