हमें बच्चों को दुर्व्यवहार से बचाने के लिए अधिक सतर्क रहने की जरूरत है

दक्षिण पूर्व क्वींसलैंड (ऑस्ट्रेलिया), एक पूर्व बाल देखभाल कार्यकर्ता पर पिछले सप्ताह 1,600 से अधिक बाल दुर्व्यवहार अपराधों का आरोप लगाया गया था, जिससे ऑस्ट्रेलियाई समुदाय में भय का माहौल व्याप्त हो गया। देशभर में लगभग 14 लाख बच्चों को ‘बाल देखभाल सेवा’ मिल रही है। पिछले साल शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर ने बाल देखभाल क्षेत्र में सुरक्षा उपायों की समीक्षा की थी। यह तय हुआ था कि ऑस्ट्रेलियाई बाल शिक्षा विभाग और देखभाल गुणवत्ता प्राधिकरण ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस के साथ मिलकर काम करेंगे। वे अक्टूबर में एक अंतरिम रिपोर्ट और दिसंबर में एक अंतिम रिपोर्ट प्रदान करेंगे। हाल में हुए ऑस्ट्रेलियाई शोध से संकेत मिलता है कि बच्चों का यौन शोषण किसी परिचित किशोर (जैसे भाई-बहन या स्कूल में सहपाठी) या घर में देखभाल करने वाले वयस्क द्वारा किए जाने की सबसे अधिक आशंका है। इस भयानक खबर के मद्देनजर माता-पिता ने जो पहला प्रश्न पूछा है, वह स्वाभाविक रूप से यह है कि ‘‘ऐसा कैसे हो सकता है?’’ ‘‘क्या मेरा बच्चा सुरक्षित है?’’ हम बाल देखभाल केंद्रों में होने वाले दुर्व्यवहार की आशंका को कम कर सकते हैं। इसके लिए सरकारों, बाल देखभाल सेवाओं, शिक्षकों और अभिभावकों को एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता होगी। पुलिस जांच तो बस शुरुआत है। प्रत्येक राज्य और क्षेत्र में बच्चों के लिए काम करने वाले लोगों को मंजूरी की आवश्यकता होती है और इसके लिए पुलिस आपराधिक इतिहास की जांच करती है। यह एक शुरुआत है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जिन लोगों को मंजूरी मिलती है, वे सभी भरोसेमंद हैं। दुर्भाग्य से, कई अपराधियों का पता नहीं चल पाता और उन पर मुकदमा चलाना तो दूर की बात है। जिस व्यक्ति पर क्वींसलैंड सहित कई क्षेत्रों में 1,623 बाल दुर्व्यवहार अपराधों का आरोप लगाया गया था, उसने राज्य की ‘‘ब्ल्यू कार्ड’’ जांच को पास कर लिया था, जिससे उसे बच्चों के साथ काम करने की मंजूरी मिल गई थी। ब्ल्यू कार्ड प्रणाली बच्चों एवं युवाओं के साथ कार्य करने वाले लोगों के नियंत्रण एवं निगरानी से संबंधित प्रणाली है। सुरक्षित भर्ती प्रक्रियाएं: बाल देखभाल श्रमिकों की वर्तमान कमी के साथ, नियोक्ताओं को नए कर्मचारियों को भर्ती करने की मजबूरी हो सकती है, लेकिन कठोर भर्ती नियम महत्वपूर्ण हैं। लिखित प्रपत्रों या रिपोर्ट की तुलना में मौखिक संदर्भ जांच अधिक प्रभावी होती हैं। इसमें पिछले प्रबंधकों और पर्यवेक्षकों से सीधे बात करना शामिल है, जिनमें अन्य क्षेत्रों के लोग भी शामिल हैं। प्रश्नों में यह शामिल होना चाहिए कि क्या बच्चों के साथ उनकी बातचीत को लेकर कोई चिंता थी? क्या उनकी सूचना दी गई? क्या नियोक्ता उन्हें दोबारा काम पर रखेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? भले ही बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए प्रेरित किसी व्यक्ति को नौकरी मिल जाए, फिर भी इस दुर्व्यवहार को रोकना संभव है। बाल देखभाल केंद्र का भौतिक माहौल और इसका प्रबंधन कैसे किया जाता है, इससे दुर्व्यवहार होने की आशंका काफी हद तक कम हो सकती है। बाल देखभाल केंद्रों में सीसीटीवी कैमरों के इस्तेमाल से बच्चों के साथ दुर्व्यवहार की आशंका को कम किया जा सकता है। केंद्रों को ड्यूटी के घंटों के दौरान कर्मचारियों के निजी मोबाइल फोन ले जाने पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए। बच्चों की देखभाल करने वाले ज्यादातर कर्मचारी अच्छे लोग हैं। और यदि बाल देखभाल केंद्रों पर बेहतर निगरानी हो और अभिभावकों के बीच अच्छी जागरूकता हो, तो हम बच्चों को समुचित सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

%d bloggers like this: