हरसिमरत ने अध्यादेशों पर दस्तखत नहीं किया होता, तो शिअद को काला दिवस नहीं मनाना पड़ता: आप

चंडीगढ़, आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को कहा कि यदि हरसिमरत कौर बादल ने केंद्र के कृषि अध्यादेशों पर दस्तखत नहीं किया होता तो शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को 17 सितंबर को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाने की जरूरत नहीं होती।

आप विधायक कुलतार सिंह संधवान ने शिअद की कल की घोषणा को आड़े हाथों लेते हुये यह टिप्पणी की। शिअद ने कहा था कि अध्यादेशों की उद्घोषणा के एक साल पूरा होने पर 17 सितंबर को वह ‘काला दिवस’ के रूप में मनायेगा।

शिअद ने यह भी कहा था कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए उसके कार्यकर्ता गुरद्वारा रकाबगंज से संसद तक विरोध मार्च निकालेंगे।

संधवान ने कहा, ‘‘यदि हरसिमरत कौर ने केंद्रीय मंत्री के रूप में केंद्र के कृषि अध्यादेशों पर दस्तखत नहीं किया होता तो काला दिवस किसानों पर कभी आता ही नहीं।’’

हालांकि उन्होंने सभी किसान समर्थक संगठनों एवं राजनीतिक दलों से तीन कृषि कानूनों के विरूद्ध किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर काला दिवस मनाने की अपील की।

आप नेता ने कहा, ‘‘ जब अकाली दल ने कृषि विरोधी काले कानूनों के संदर्भ में अनिच्छावश 17 सितंबर को काला दिवस घोषित किया तो उन्हें कृषि अध्यादेश पर दस्तखत करने एवं तीन महीने तक कृषि कानूनों के पक्ष में अभियान चलाने पर माफी मांगनी चाहिए।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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