हॉकी इंडिया के चुनाव और संविधान को लागू करने के लिए 20 हफ्ते का समय स्वीकार्य नहीं: एफआईएच

नयी दिल्ली, अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने मंगलवार को कहा कि वे हॉकी इंडिया के नए संविधान को लागू करने और मान्यता प्राप्त तथा लोकतांत्रिक रूप से चयनित बोर्ड के लिए 20 हफ्ते के समय को स्वीकार नहीं कर सकते और चाहते हैं कि जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी हो।

एफआईएच पहले ही 13 से 29 जनवरी तक भुवनेश्वर और राउरकेला में होने वाले पुरुष विश्व की मेजबानी का अधिकार भारत से वापस लेने की धमकी दे चुका है।

देश में हॉकी का संचालन कर रही दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) को लिखे तीसरे पत्र में एफआईएच के सीईओ थियेरीवील ने कहा कि 20 हफ्ते का समय वैश्विक संस्था को ‘अस्वीकार्य’ है।

वील ने पत्र में कहा, ‘‘22 जुलाई के आपके पत्र में जिक्र किया गया है कि आप संविधान में संशोधन, चुनाव का आयोजन और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई इकाई को काम सौंपने की प्रक्रिया को अदालत के आदेश की तारीख से 20 हफ्तों के अंदर पूरा करेंगे। इस संदर्भ में हम इसे असंतोषजनक जवाब समझते हैं।’’

इस पत्र की प्रति पीटीआई के भी पास है।

वील ने कहा, ‘‘हम एक बार फिर दोहराना चाहते हैं कि एफआईएच 20 महीने के समय को स्वीकार नहीं कर सकता। हमारी सलाह मानें कि संविधान में संशोधन और इसे लागू करना तथा हॉकी इंडिया के कार्यकारी बोर्ड के चुनाव जल्द से जल्द हों।’’

एफआईएच के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नव नियुक्त कार्यवाहक अध्यक्ष सैफ अहमद की अगुआई में आपात बैठक के लिए 15 अगस्त को भारत दौरे पर आने की उम्मीद है। यह प्रतिनिधिमंडल नए संविधान को लागू करने के संदर्भ में प्रगति का आकलन करेगा क्योंकि यह विश्व कप की मेजबानी बचाने के लिए जरूरी है।

वील ने कहा कि एफआईएच को अब भी भारत के विश्व कप की मेजबानी की उम्मीद है लेकिन अगर अगले महीने के दौरान चीजें उम्मीद के मुताबिक नहीं रहीं तो हॉकी इंडिया पर प्रतिबंध लगने की भी संभावना है।

सीओए सदस्यों से इस मामले में लगातार फोन करने के बावजूद संपर्क नहीं हो पाया।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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