अगली कुछ तिमाहियों में यात्री वाहनों की मांग में वृद्धि मध्यम स्तर पर रहने का अनुमान: रिपोर्ट

नयी दिल्ली, अर्थव्यवस्था के पूर्ण रूप से खुलने और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में मांग के पटरी पर आने के साथ अगली कुछ तिमाहियों के दौरान यात्री वाहन क्षेत्र की वृद्धि मध्यम स्तर पर रहने का अनुमान है। साख निर्धारण करने वाली एजेंसी एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च ने एक रिपोर्ट में यह कहा।

इसमें कहा गया है कि हालांकि सेमीकंडक्टर को लेकर आपूर्ति संबंधी चुनौतियों और ईंधन के दाम में तीव्र वृद्धि के कारण वाहनों की संख्या पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

एक्यूट ने एक बयान में कहा कि सेमीकंडक्टर से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद घरेलू यात्री वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2021-22 में 14.7 प्रतिशत बढ़ी। आपूर्ति संबंधी बाधाओं के कारण गाड़ियों को सौंपने में देरी हुई और कुछ मॉडलों के उत्पादन पर असर पड़ा।

एजेंसी ने कहा कि 2020-21 में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ को देखते हुए कमजोर तुलनात्मक आधार से भी पिछले वित्त वर्ष में वृद्धि अच्छी रही।

एक्यूट ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था के अब पूर्ण रूप से खुलने और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में मांग के पटरी पर आने के साथ वृद्धि के मध्यम स्तर पर रहने का अनुमान है।’’

रेटिंग एजेंसी ने दोपहिया वाहनों के बारे में कहा कि देश में कोरोना महामारी का लंबे समय तक असर रहा और इससे असंगठित क्षेत्र तथा छोटे उद्यमों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

बयान के अनुसार, ‘‘हमारा अनुमान है कि विभिन्न प्रकार की पाबंदियों हटने और कृषि उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद से वित्त वर्ष 2022-23 में मांग में तेजी आएगी। लेकिन इसकी समयसीमा अनिश्चित है। साथ ही ईंधन के दाम में तीव्र वृद्धि का भी असर होगा।’’

वाणिज्यिक वाहनों के (सीवी) बारे में रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इनकी घरेलू बिक्री वित्त वर्ष 2021-22 में सालाना आधार पर 25.2 प्रतिशत बढ़ी। इसका मुख्य कारण वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान मांग में सुधार था।

एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च लिमिटेड के मुख्य विश्लेषण अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा, ‘‘वाणिज्यिक वाहनों की मांग में सुधार अर्थव्यवस्था में पाबंदियों के पूर्ण रूप से हटने और बुनियादी ढांचे के विकास तथा देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार पर सरकार के जोर की वजह से जारी रहेगा।’’ हालांकि, चौधरी ने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य के कारण ईंधन की खुदरा कीमतों में तीव्र वृद्धि माल ढुलाई से जुड़े लोगों के मार्जिन पर दबाव डालेगी और यह निकट भविष्य में नये वाहनों की खरीद को प्रभावित कर सकती है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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